लखनऊ- उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी पार्टियां संगठित होने की कोशिश में जुटी हैं। वहीं सूबे की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी का कुनबा बिखरता हुआ नजर आ रहा है। वहीँ सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में पारिवारिक कलह सुर्खियां बन रही हैं। इस कलह को शांत करने के लिए सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव भाई शिवपाल की बात मानते हुए एक बार फिर कौमी एकता दल का सपा में विलय कर सकते हैं।
यही नहीं सूत्रों के मुताबिक, मुख़्तार अंसारी को सपा का टिकट नहीं दिया जाएगा, लेकिन उनके दो भाई जिनका कोई आपराधिक बैकग्राउंड नहीं है, वह सपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। पिछली बार जून में कौमी एकता दल का सपा में विलय हुआ था, लेकिन अखिलेश यादव के ऐतराज के बाद विलय को वापस ले लिया गया था।
खबर अनुसार शिवपाल की नाराजगी के बाद मुलायम मुख्तार के दल को पार्टी में शामिल करने पर राजी हो गए हैं। सूत्रों के मुताबिक मुलायम और मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी की फोन पर बात हो गई है। इस विलय का ऐलान अगले 2-3 दिन में हो सकता है। हालांकि इस विलय को लेकर परिवार में मतभेद भी हैं। जब सीएम अखिलेश याद व से इस विलय के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में नेता जी से पूछिए।
वहीं शिवपाल यादव ने एटा में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तारीफ करते हुए अखिलेश सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जो खाते खुलवाए उनमें मोदी सरकार ने तो कुछ नहीं दिया जबकि अखिलेश सरकार ने 500 -500 रुपये समाजवादी पेंशन के प्रतिमाह डाले। मुफ़्त इलाज उपलब्ध कराया। लैपटॉप और कन्याविद्या धन बांटा। किसानों को सुविधाएं दीं।
बता दें इससे पहले भी शिवपाल ने कौमी एकता दल के विलय का ऐलान किया था लेकिन अखिलेश के दबाव में ये विलय रद्द कर दिया गया था। माना जा रहा था कि शिवपाल इसी को लेकर खफा थे और उन्होनें मुलायम सिंह यादव से इस्तीफे की पेशकश तक कर दी थी। जिसके बाद मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल को मनाने के साथ-साथ अखिलेश सरकार को खूब खरी-खोटी सुनाई।