लखनऊ- प्रदेश में उत्पन्न सूखे की स्थिति से किसान परेशान है। असमय बरसात, ओलावृष्टि व चक्रवाती तूफान के कारण पिछली दो फसले नष्ट हो गयी थी, जिसका मुआवजा अभी तक किसानों को समुचित ढंग से नहीं मिल पाया है और वर्तमान फसल बरसात न होने के कारण सूखे की चपेट में है।
औसत से भी 20 से 25% कम बरसात होने के कारण फसलों में 40% तक का नुकसान हुआ है। कम उत्पादन के कारण 413.9 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य तो अधूरा रहेगा ही साथ ही कम वर्षा होने के कारण जमीन में नमी की भी कमी है
फलस्वरूप आलू की बुआई भी पिछड़ेगी और आलू के बीज को सड़ने की सम्भावना भी अधिक रहेगी तथा नमी की कमी के कारण चना, मटर, सरसों, मसूर के बुआई पर भी असर पडे़गा लेकिन प्रदेश सरकार किसानों के मुददे पर मौन है।
राष्ट्रीय लोकदल की महानगर इकाई द्वारा प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित करने के लिए जी0पी0ओ0 स्थित गांधी प्रतिमा पर धरना देकर सात सूत्रीय मांगों का ज्ञापन राज्यपाल को जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपा।
धरने की अध्यक्षता महानगर अध्यक्ष धिमान चतुर्वेदी और संचालन जिलाध्यक्ष अनिल कुमार सिंह ने किया। धरने में मुख्य रूप में प्रदेष अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान, वरिष्ठ नेता अनिल दुबे उपस्थित थे।
रिपोर्ट:- शाश्वत तिवारी