देहरादून- उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने के मामले में कांग्रेस हाईकोर्ट पहुँच गई है । सोमवार को उत्तराखंड के कई दिग्गज कांग्रेसी नेता नैनीताल हाईकोर्ट पहुंचे। जहां याचिका दायर करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की तरफ से पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनुसिंघवी अनुच्छेद 356 को अदालत में चुनौती दे रहे हैं।
खबर अनुसार न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की एकलपीठ में कांग्रेस की याचिका स्वीकार कर ली गई है। जिसके बाद न्यायालय ने विपक्ष को जवाब देने के लिए कुछ समय दिया है। कांग्रेस द्वारा जवाब दाखिल करने के बाद ही सुनवाई आगे बढ़ेगी।
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल के भी नैनीताल पहुंचने की संभावना है। इसके बाद याचिका दायर कर दी जाएगी। इधर, हरीश रावत सरकार से बगावत करने वाले विधायक भी निलंबन के खिलाफ हाईकोर्ट में जाएंगे। बागी विधायकों की तरफ से वरिष्ठ वकील दिनेश द्विदी नैनीताल पहुंचे हैं। वह भी सोमवार को याचिका दायर करेंगे।
ज्ञात हो कि केन्द्र ने रविवार को उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था ! रविवार को प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद ही कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि वे इसके खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
ग़ौरतलब है कि शनिवार रात को उत्तराखंड के राजनीतिक संकट पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की आपात बैठक हुई थी जिसमें राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफ़ारिश की गई थी ! मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देर रात राष्ट्रपति को यथास्थिति से अवगत कराया था ! राज्य में कांग्रेस के नौ विधायकों की बग़ावत के बाद मुश्किलों में घिरी हरीश रावत सरकार को 28 मार्च को बहुमत साबित करना था !
उत्तराखंड विधानसभा के कुल 70 विधायकों में कांग्रेस के 36 विधायक थे जिनमें से 9 बाग़ी हो चुके हैं ! भाजपा के 28 विधायक हैं जिनमें से एक निलंबित है. बसपा के दो, निर्दलीय तीन और एक विधायक उत्तराखंड क्रांति दल का है !