नई दिल्ली/देहरादून: उत्तराखंड में राजनीतिक उठापटक के बीच मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने समर्थक विधायकों के साथ आज राज्यपाल से मिलकर अपना पक्ष रखेंगे और ताजा राजनीतिक हालात पर राय देने का भी अनुरोध करेंगे। हरीश रावत ने इस मामले पर कहा कि किसी के दबाव में नहीं झुकूंगा। मेरे लिए राज्य का हित पहले है। हालांकि अभी किसी ने इस्तीफा नहीं दिया है। कई विधायक हमारे संपर्क में हैं। बागियों में से पांच विधायकों ने संपर्क किया है। हम गलती मानने वालों को माफ करेंगे। हमारे पास समर्थन है बहुमत साबित करेंगे।
इससे पहले बीती रात बीजेपी के 26 और कांग्रेस के 9 बाग़ी विधायक दिल्ली पहुंचे। जहां आज वह बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कर सकते हैं।
दिल्ली पहुंचने से पहले बीजेपी और कांग्रेस के बागी विधायक रात करीब 11 बजे राज्यपाल से मिले और सरकार बनाने का दावा पेश किया। कांग्रेस के बागी विधायकों का नेतृत्व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और हरक सिंह रावत कर रहे हैं। हरक सिंह रावत ने मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। विजय बहुगुणा ने कहा है कि हरीश रावत को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। वहीं सीएम हरीश रावत ने कहा है कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं हैं और बीजेपी हॉर्स ट्रेडिंग में लगी है।
उत्तराखंड सरकार शुक्रवार को उस समय राजनीतिक संकट में फंस गई जब सत्ताधारी कांग्रेस के 36 में से नौ विधायकों ने मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ बगावत का बिगुल बजा दिया।
70 सदस्यीय राज्य विधानसभा में उस समय असमंजस की स्थिति पैदा हो गई जब पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और कृषि मंत्री हरक सिंह रावत सात अन्य कांग्रेस सदस्यों के साथ विपक्षी बीजेपी के साथ सुर में सुर मिलाते हुए बजट पारित कराने के लिए मत विभाजन की मांग करते हुए उनके साथ सदन में धरने पर बैठ गए।
हालांकि, अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने सदस्यों की मत विभाजन की मांग को अस्वीकार कर दिया और ध्वनिमत से बजट के पारित होने की घोषणा करते हुए सदन की कार्यवाही 28 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।- एजेंसी