देहरादून- उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने के खिलाफ कांग्रेस ने सोमवार को नैनीताल हाई कोर्ट की शरण ली थी इसी मामले में आज भी कांग्रेस द्वारा दायर की गई अर्जी पर मंगलवार को नैनीताल हाइकोर्ट में सुनवाई जारी रहेगी। कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी इस मामले की पैरवी कर रहे हैं।
दूसरी ओर राज्य में कांग्रेस के नौ विधायकों की बग़ावत के बाद मुश्किलों में घिरी हरीश रावत सरकार को 28 मार्च को बहुमत साबित करना था जिसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की अगुवाई में पार्टी की राज्य ईकाई पहले से और ज्यादा सक्रिय हो गई है। सोमवार को हरीश रावत ने राज्यपाल से मुलाकात की और अपने साथ 34 विधायक होने का दावा किया। अपने दावे को पुख़्ता करने के लिए रावत ने विधायकों की साइन की हुई चिट्ठी भी सौंपी।
ज्ञात हो कि केन्द्र ने रविवार को उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था ! रविवार को प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद ही कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि वे इसके खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। ग़ौरतलब है कि शनिवार रात को उत्तराखंड के राजनीतिक संकट पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की आपात बैठक हुई थी जिसमें राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफ़ारिश की गई थी ! मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देर रात राष्ट्रपति को यथास्थिति से अवगत कराया था !
उत्तराखंड विधानसभा के कुल 70 विधायकों में कांग्रेस के 36 विधायक थे जिनमें से 9 बाग़ी हो चुके हैं ! भाजपा के 28 विधायक हैं जिनमें से एक निलंबित है. बसपा के दो, निर्दलीय तीन और एक विधायक उत्तराखंड क्रांति दल का है !