देहरादून- उत्तराखंड में मंगलवार को होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले हरीश रावत के लिए बड़ी राहत की खबर है हाईकोर्ट ने सोमवार को 9 बागी विधायकों की अर्जी खारिज कर दी ! जिसके बाद ये विधायक मंगलवार को विधानसभा में शक्ति परीक्षण में हिसा नहीं ले पाएंगे ! हालांकि विधायकों ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है !
बागी विधायकों ने हाई कोर्ट का फैसला आने के तुरंत बाद सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी ! चीफ जस्टिस ने मामले को जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच के पास भेज दिया है, जो पहले से इस मामले की सुनवाई कर रहे थे ! विधायकों की अर्जी पर दोपहर 12:30 बजे से 2 बजे के बीच सुनवाई हो सकती है !
फ्लोर टेस्ट की तैयारी में जुटे हरीश रावत ने बागी विधायकों पर नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश पर कहा, ‘हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं ! हमारे साथ न्याय होगा इसकी उम्मीद है ! आज न्याय मिला है आगे भी न्याय होगा, कल भी न्याय होगा !’ उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच में वह पूरा सहयोग कर रहे हैं ! उन्होंने कहा, ‘मैंने सीबीआई से मोहलत मांगी है ! जांच में सहयोग करूंगा. हर सवाल का जवाब दूंगा !’
बता दें कि उत्तराखंड में शक्ति परीक्षण के लिए मंगलवार (10 मई) की सुबह 11 बजे विधानसभा मंडप में विशेष सत्र होगा। नैनीताल हाईकोर्ट ने आज सुनवाई करते हुए कांग्रेस के बागी विधायकों की याचिका को खारिज कर दिया। बागी विधायकों ने स्पीकर के फैसले को चुनौती दी थी।
अब शक्ति परीक्षण में ये बागी विधायक वोटिंग में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद कांग्रेस ने कहा कि ये फैसला न्याय की जीत है। कल हम फ्लोर टेस्ट पास करेंगे।नौ बागी विधायकों की सदस्यता के मामले पर उच्च न्यायालय के इस फैसले का सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर राज्य विधानसभा में 10 मई को होने वाले शक्ति परीक्षण पर सीधा असर होगा।
चूंकि अब ये विधायक 10 मई को विधानसभा में होने वाले शक्ति परीक्षण में हिस्सा नहीं ले पाएंगे, ऐसे में 62 की प्रभावी क्षमता वाले सदन में बहुमत का जादुई आंकडा घटकर 31 पर सिमट जाएगा। गौरतलब है कि विधानसभा अध्यक्ष अपना निर्णायक मत केवल उसी स्थिति में दे सकते हैं जब दोनों पक्षों के बराबर मत हों।गौर हो कि बागी विधायकों की याचिका पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बीते दिनों अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।