अहमदाबाद : वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय के सिंडीकेट सदस्यों ने कुलपति डॉ. शिवेंद्र गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाया है। सदस्यों ने सोमवार को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को एक पत्र भेजा है जिसमें उन्होंने कुलपति पर धर्म/जाति के आधार पर एक योग्य उम्मीदवार को रिजेक्ट करने का आरोप लगाया है। पत्र में कहा गया है कि कुलपति डॉ. गुप्ता ने प्रोफेसर मुनीर तिमोल (पारसी) को सबसे वरिष्ठ प्रोफेसर होने के बावजूद, गणित विभाग का एचओडी न बनाकर उनके साथ अन्याय किया है। सिंडिकेट के जिन सदस्यों ने पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं उनमें संजय देसाई, डॉ. महेंद्र चौहान, डॉ. घनश्याम रावल और कीरित पटेल हैं।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को भेजे गए पत्र में लिखा है, “हमारा मानना है कि डॉ. तिमोल को उनके धर्म/जाति के आधार पर रिजेक्ट किया गया है। हो सकता है कुलपति ने पक्षपात किया हो इसलिए हमारी विनती है कि आप न्यान करें ताकि विश्वविद्यालय में सभी धर्म और जाति के लोगों के बीच सामंजस्यपूर्ण माहौल बरकरार रहे।” देसाई ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, “हमने इस संबंध में पहले भी राज्यपाल, राज्य शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के सचिव तक को पत्र लिखा था लेकिन हमें इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। कोई रास्त नहीं होने पर हमने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पास जाने का फैसला लिया।” विभाग एचओडी का पद बीते 15 जून से रिक्त पड़ा है।
सिंडिकेट सदस्यों ने इससे पहले 25 जून और 10 जुलाई को भी प्रोफेसर तिमोल की नियुक्ति का मुद्दा एजेंडा मीटिंग्स में उठाया था। आरोप को लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गुप्ता ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “हमने गणित विभाग के एचओडी की नियुक्ति के मुद्दे को लेकर पहले ही समिति बना दी है। कुछ मसले हैं जिनकी वजह से उन्हें रेग्युलर हेड नहीं अपॉन्ट किया गया। यह एक वैध केस है जिसकी जांच समिति कर रही है।” डॉ. तिमोल विश्वविद्यालय में 35 साल से काम कर रहे हैं। मामले को लेकर उन्होंने कहा, “कानून से ऊपर कोई भी नहीं है। मैं गणित का सबसे वरिष्ठ प्रोफेसर हूं जिसके पास 35 साल का अनुभव है। मैंने एचओडी पोस्ट नहीं मांगी है लेकिन मेरे साथियों को लगता है कि मैं इसके लिए सबसे योग्य हूं। अगर विश्वविद्यालय मुझे यह पद देता है तो मैं इसे कुबूल करूंगा।”