दिल्ली- विदेशमंत्री सुषमा स्वराज के बाद राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधराराजे पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी के साथ रिश्तों को लेकर विवादों में है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ललित मोदी को ट्रेवेल डॉक्यूमेट्स दिलाने में मदद की थी।
वसुंधराराजे पर आरोप है कि उन्होंने ललित मोदी को ब्रिटेन में आव्रजन अपील में सहयोग किया था। हालांकि, वसुंधरा ने ऐसे किसी दस्तावेज के बारे में जानकारी होने से इनकार किया है। वसुंधरा ने एक बयान ये जरूर मान है वे ललित मोदी परिवार को जानती हैं लेकिन उन्हें नहीं पता कि किस दस्तावेज के बारे में बात हो रही है।
ललित मोदी और वसुंधराराजे की पहचान चंद सालों भर की नहीं है, दोनों परिवारों का एक दूसरे से पीढ़ियों पुराना रिश्ता है। हालांकि 2013 में राजस्थान विधानसभा चुनावों के दोनों के बीच दरार बढ़ती गई।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और ललित मोदी के पारिवारिक रिश्ते बहुत पुराने हैं। राजे की मां विजया राजे सिंधिया और मोदी के पिता कृष्ण कुमार मोदी एक दूसरे के मित्र थे। ललित मोदी राजस्थान की राजनीति के क्षितिज पर पहली बार नागौर क्रिकेट एशोसिएशन के रास्ते आए और फिर सरकारी काम काज पर इस कदर हावी हो गए कि कई फैसले सिर्फ उनके निर्देश पाने के लिए रुके होते थे।
राजस्थान की राजनीति में मोदी धीरे धीरे एक ऐसे व्यक्ति के रुप में प्रचलित हो गए जिसके पास लगातार कई ‘संवैधानिक प्राधिकार’ बढ़ते जा रहे थे, जो राम पैलेस होटेल के गलियारों से संचालित होते थे।
राज्य के अधिकारियों और पुलिस अफसर अभी भी वो दिन याद करते हैं जब उन्हें कई फैसलों के लिए मोदी के निर्देशों का इंतजार करते थे जो कथित तौर पर मुख्यमंत्री के कार्यालय से समर्थित था।
हालात यहां तक पहुंच गए थे कि मोदी किसी भी अफसर को कुछ भी कह देते थे। जयपुर में एक क्रिकेट मैच के दौरान मोदी ने एक नौजवान आईपीएस अफसर और प्रशासनिक अधिकारी को बुरी तरह डांट लगाई थी जो इस बात की पुष्टि करता है कि मोदी कि पहुंच राजे सरकार के दौरान बहुत ज्यादा हद तक सरकार और उसके फैसलों में थी।
2006 में मोदी ने अंबेर में कई हेरिटेज हवेलियों को कम दामों पर खरीदा था, जिसे बाद में लक्जरी होटल बनाया जाना था। जयपुर डिवीजिनल कमिश्नर की रिपोर्ट के अनुसार ये सौदा अंबेर हेरिटेज सिटी कांस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के तहत हुआ था।
जिसका नाम बाद में बदल कर आनंज हेरिटेज होटेल कर दिया गया जिसके बोर्ड्स के सदस्य में मोदी और उनकी पत्नी मीनल शामिल थी।
2008 के राजस्थान विधानसभा चुनावों में हार के बाद राजे ने मोदी पर यह आरोप लगाया था कि टिकट बटवारे में उनके हस्तक्षेप की कीमत पार्टी को हार के रुप में चुकानी पड़ी है।
सत्ता बदलने के बाद अशोक गहलोत सरकार ने उन हवेलियों को सीज कर दिया जिसे मोदी ने होटेल बनाने के लिए खरीदा था। राजे जब विपक्ष में थी तब कांग्रेस की ओर से सदन में उनकी अनुपस्थिति पर और लंदन आने जाने (जहां मोदी रहते थे) पर ताना मारा जाता रहा है।
मोदी और राजे के रिश्तों में पहली दरार तब आई जब मोदी ने 2013 में एक ट्वीट किया था कि राजे को अरुण जेटली, अपने पीए भूपेन यादव और धीरेन्द्र कामथान से ‘सावधान’ रहना चाहिए जो कैश लेकर टिकट बेच रहे हैं।
चुनाव नजदीक हैं और ये दिख रहा है कि अरुण जेटली और भूपेन यादव की मण्डली ने टिकट बेचना शुरु कर दिया है जो कि दुःखद है। मोदी ने बाद में फिर ट्वीट किया था कि ‘हो सकता है कि भाजपा यह चुनाव भी न जीते क्योंकि मास्टर फिक्सर अरुण जेटली ने वसुंधरा के कैंप में अपने ठगो को बैठा रखा है। भूपेन यादव और कामथान जैसे दलालों पर सीबीआई और चुनाव आयोग को अपनी कड़ी निगाह रखनी होगी।’
उन्होंने राघव स्रोत्रिय पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये ‘एक और बनिया है’ जिसका उपयोग कामथान कर रहे हैं।2013 में चुनाव परिणामों के आने के बाद ये साफ हो गया कि मोदी और राजे के बीच की खुशमिजाजी अब खत्म होने की ओर है।
पिछले साल मोदी ने एक बार फिर कामथान और राजे के एक और करीबी महेन्द्र भारद्वाज पर यह कह कर कड़ा हमला बोला था कि इन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय में ‘दुकान’ खोल दी है।
उसी समय उन्होंने यह भी कहा था कि राजे के उम्दा व्यक्तित्व हैं लेकिन वो कुटिल लोगों की मंडली से घिरी हुई हैं। बताते चलें कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और ललित मोदी के मामले में वसुंधरा भी फंस चुकी है।
इस बारे में सामने आए एक दस्तावेज के जरिए दावा किया गया है कि मुख्यमंत्री ने मोदी की ब्रिटेन में आव्रजन अपील में सहयोग किया था।हालांकि, वसुंधरा ने ऐसे किसी दस्तावेज के बारे में जानकारी होने से इनकार किया है। वसुंधरा ने एक बयान में कहा है कि वह निश्चित तौर पर ललित मोदी परिवार को जानती हैं लेकिन उन्हें नहीं पता कि किस दस्तावेज के बारे में बात हो रही है।
गौरतलब है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की तरफ से मोदी को मदद पहुंचाने पर उपजे विवाद के बीच एक दस्तावेज सामने आया है, जिसमें दावा किया गया है कि वसुंधरा ने मोदी की आव्रजन अपील का समर्थन किया था।
हालांकि, इस दस्तावेज की वैधता की पुष्टि नहीं हुई है। ‘विटनेस स्टेटमेंट’ शीर्षक वाले इस दस्तावेज में एक गोपनीय क्लॉज है जिसमें कथित तौर पर वसुंधरा ने मोदी के मामले का समर्थन किया है लेकिन वह इस बारे में भारतीय एजेंसियों के सामने खुलासा नहीं चाहती हैं
एजेंसी