खंडवा : भारत को महाशक्ति बनना है और इससे उसे कोई नहीं रोक सकता लेकिन भारत को भयंकर महाशक्ति नहीं बल्कि प्रियंकर महाशक्ति बनना है। भारत की मानसिकता कभी भी पड़ोसी या अन्य देशों को अपना गुलाम बनाने, उन पर हमला करने या शोषण करने की नहीं रही। वह तो अपने पड़ोसी राष्ट्रों से प्रेम करता है, उनके दुख, दरिद्रि और संकटकाल में उनकी मदद करता है। आज लगभग 60 देशों में भारत के सैनिक विविध क्षेत्रों में अपना सहयोग दे रहे हैं।
बांगलादेश, नेपाल तथा श्रीलंका आदि देशों को जब भी आवश्यकता पड़ी भारत ने अपनी सेना भेजकर उनके संकटों का हल किया। लेकिन कभी भी उन पर कब्जा जमाने की कोशिश नहीं की। यह देश राम को मानने वाला है और जिस प्रकार राम ने लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद भी अपना कोई राजा वहां नहीं बैठाया बल्कि वहां के मूल लोगों को ही सत्ता सौंपी। इसी नीति पर भारत वर्तमान में भी चल रहा है।
पाकिस्तान यदि सौ बरस तक भी हिंसा करता रहे तब भी कश्मीर उसका हिस्सा नहंी बन सकता। क्योंकि कश्मीर भारत का आज्ञा क्षेत्र है। जबकि भारत की सीमाओं से लगे क्षेत्र उसके उप आज्ञा क्षेत्र है और भारत अपनी सुरक्षा की कीमत पर किसी भी पड़ोसी देश को अपनी सीमाओं में नहीं घुसने देगा, यदि आवश्यकता हुई तो वह उनके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने से भी नहीं चुकेगा। इसी प्रकार संपूर्ण दक्षिण एशिया क्षेत्र भारत का प्रभाव क्षेत्र है।
अखंड भारत की कल्पना केवल भारत पाकिस्तान एवं बांगलादेश के संयुक्त रूप को लेकर नहीं की जा सकती क्योंकि अखंड भारत तो संपूर्ण दक्षिण एशिया में फैला हुआ था।
भारत की भाषा, भूषा, भोजन, भेषज अर्थात औषधी और भजन अर्थात अध्यात्म इसकी नींव है। आज हमें हमारे अध्यात्म को पुर्नजीवित करना होगा। साथ ही साथ हमें औषधी शास्त्र को भी पुन: स्थापित करना होगा। इतना होने पर भारत को महाशक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता। आज भारत से कम शक्ति, क्षेत्रफल, जनसंख्या वाले देश विश्व में महाशक्ति कहला रहे है जबकि भारत को यूनाईटेड नेशन के स्थायी सदस्य के रूप में मान्यता नहीं प्रदान की गई है।
इसका एकमात्र कारण इनका यह डर है कि भारत महाशक्ति घोषित होते ही संपूर्ण विश्व का नेतृत्व करने लगेगा। 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी ने पोखरण में परमाणु विस्फोट कर भारत को प्रभुता संपन्न राष्ट्र बना दिया है। पडोसी देश पाकिस्तान का यह दावा कि उसके पास परमाणु बम है सच हो सकता है लेकिन उसका यह फार्मूला चोरी का है या जुगाड़ का है। यह उसके रक्षा वैज्ञानिक ए.क्यू. खान के बयानों से स्पष्ट हो गया है।
साम्यवाद के नाम पर दूसरे देशों को परेशान करने की जो चाल चीन पाकिस्तान के माध्यम से हमारे देश में चल रहा है वह कभी सफल नहीं होगी। लेकिन गरीबी और शिक्षा के मामले में भारत पिछड़ा हुआ है। गरीबी का निर्धारण गलत तरीके से करके गरीबी नहीं हटाई जा सकती, इसके लिए शिक्षा पर अधिक खर्च करना अतिआवश्यक है। लेकिन साथ ही हमें साक्षर और शिक्षित होने में अंतर समझना होगा। इसके साथ ही अंग्रेजी की अनिवार्यता शिक्षा में कमी का प्रमुख कारण है, इसे समाप्त किया जाना चाहिए और माध्यमिक स्तर तक की शिक्षा मातृभाषा में ही अनिवार्य होना चाहिए।
आज हम देखते हैं कि विश्व के किसी भी धर्म का महाग्रंथ अंग्रेजी में नहीं लिखा गया है। भारत एवं उन देशों में ही अंग्रेजी का प्रचलन है जहां पर कभी न कभी ब्रिटेन का राज रहा है अर्थात वे अंग्रेजों के गुलाम रहे हैं। आज की स्थिति में ज्यादातर निजी अस्पताल और विद्यालय ठगी के अड्डे बन गए हैं जिनमें 80 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या की क्षमता ही नहीं है कि वे निजी अस्पतालों में इलाज करवा सके या अपने बच्चों को वहां पढ़ा सके।
उपरोक्त उद्बोधन स्वामी विवेकानंद व्याख्यानमाला के दूसरे दिन भारत महाशक्ति कैसे बनेगा विषय पर बोलते हुए वरिष्ठ पत्रकार एवं विदेश मामलों के जानकार डा. वेदप्रताप वैदिक ने दिया। उद्बोधन के पूर्व सरस्वती शिशु मंदिर आनंद नगर के छात्र-छात्राओं द्वारा मेरा देश बदल रहा है और फिर से लोहा हुआ इरादा…, जीतेंगे हम शान से जैसे राष्ट्रभक्ति से प्रेरित गीतों पर सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई। अतिथि परिचय सुमित जैन ने दिया। आओ बनाए विवेकानंद कार्यक्रम के द्वितीय स्थान प्राप्त प्रतिभागियों को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया।
एकल गीत जिस दिन सोया राष्ट्र जगेगा दिश-दिश फैला तमस हटेगा की सुरीली प्रस्तुति दिलीप जी द्वारा दी गई। कार्यक्रम के अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार एवं नेत्ररोग विशेषज्ञ डा. निशिकांत कोचकर ने की। कार्यक्रम का संचालन संतोष गुप्ता तथा आभार डा. शक्तिसिंह राठौड़ ने व्यक्त किया।
इस अवसर पर बहुत बड़ी संख्या में नगर के प्रबुद्धजन गौरीकुंज सभागृह में एकत्रित हुए। स्थान की कमी के चलते हुए कई लोगों ने परिसर में खड़े होकर डा. वैदिक का उद्बोधन सुना। कार्यक्रम में डा. प्रकाश शास्त्री, गिरीजाशंकर त्रिवेदी, भूपेन्द्रसिंह चौहान, विधायक देवेन्द्र वर्मा, महापौर सुभाष कोठारी सहित अनेक गणमान्यजन सम्मिलित हुए।