जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला रशीद ने रविवार (11 जून) को एक मीडिया रिपोर्ट का लिंक शेयर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा तो उन्हें ट्रॉल का शिकार होना पड़ा। शेहला रशीद ने ट्वीट किया, “मोदी भक्त मुझसे अक्सर पूछते हैं कि मैं बुरका क्यों नहीं पहनती। अच्छा, तो मेरा बुरका एक वीएचपी लीडर ने चुरा लिया था।” जेएनयू में एफफिल की छात्रा शेहला ने ट्वीट के साथ एक खबर का लिंक शेयर किया था जिसमें वीएचपी नेता द्वारा बुरका पहन कर लड़कियों के संग छेड़खानी करने की बात कही गयी थी।
खबर के अनुसार इलाहाबाद में विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) नेता अभिषेक यादव को शनिवार (10 जून) रात को मुहर्रम मजलिस में बुरका पहनकर लड़कियों के संग छेड़खान करने पर पुलिस ने पकड़ा था। अभिषेक यादव की पत्नी शिप्रा यादव बीजेपी की जिला पंचायत सदस्य है।
रिपोर्ट के अनुसार अभिषेक यादव के साथ एक अन्य व्यक्ति भी बुरका पहनकर छेड़खानी कर रहा था लेकिन वो मौके से भागने में सफल रहा। हालांकि वीएचपी नेता के परिवार ने इन आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि उसके संग घर लौटते समय कुछ लोगों ने मारपीट और लूटपाट की थी।
शेहला रशीद के इस ट्वीट पर वही हुआ जिसका सभी को अंदेशा होगा। शेहला के प्रशंसकों ने जहां उनके ट्वीट और तंज के लिए उनकी तारीफ शुरू कर दी तो दूसरी तरफ “मोदी भक्तों” को उनका तंज बुरा लगा और उन्होंने शेहला के लिए अपशब्दों का प्रयोग करना शुरू कर दिया। बीइंगसरवर नामक ट्विटर यूजर ने लिखा, “कत्ल कर दिया भाई आपने भक्त का।”
मोहम्मद आमिर रजा नामक यूजर ने शेहला की तारीफ करते हुए लिखा, “…कितनी बहादुर लड़की हैं आप, मोदी और उनके भक्तों को बेनकाब कर दिया। मैं सचमुच प्रभावित हूं, आप निडर होकर खड़ी रहती हैं।”
वहीं शेहला के ट्वीट से नाराज लोगों ने उन पर अभद्र किस्म के कमेंट करने शुरू कर दिए। विवेक शेनाय नामक यूजर ने शेहला के ट्वीट पर जवाब देते हुए लिखा, “ठीक है, लेकिन क्या उसने तुम्हारे बेडरूम से चुराया था? वो वहां क्या कर रहा था?”
हुकुम नामक यूजर ने शेहला रशीद के ट्वीट पर जवाब देते हुए लिखा, “तुमसे किसने पूछा है कि तुम क्या पहनती हो, फालतूगिरी बंद करो शेहला। तुम भारत पर धब्बा हो। तू जो पढ़ रही है ना मेरे टैक्स के पैसे से।”
शेहला रशीद पहली बार तब चर्चा में आई थीं जब जेएनयू में संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी की बरसी पर एक कार्यक्रम में कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगने का मामला आया था। उस मामले में जेएनयू छात्र संघ के तत्कालीन अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद, रामा नागा, चिंटू कुमार इत्यादि को आरोपी बनाया गया था। घटना के बाद शेहला तमाम टीवी चैनलों पर जेएनयू के छात्रों का पक्ष रखती नजर आईं थीं।