पुरुषों में सेक्स क्षमता बढ़ाने के लिए इस्तेमाल में लाई जाने वाली दवा वियाग्रा अब महिलाओं की सेहत के लिए भी फायदेमंद है।
डेलीमेल वेबसाइट पर प्रकाशित शोध की मानें तो नियमित तौर पर वियाग्रा का सेवन महिलाओं में ब्लैडर संबंधी समस्याओं के समाधान में फायदेमंद हो सकता है।
चीन की यूनिवर्सिटी ऑफ जिनजैंग के शोध के आधार पर शोधकर्ताओं ने माना है कि वियाग्रा के सेवन से महिलाओं में ब्लैडर संबंधी समस्या इंटर्सटियल सिस्टायटिस का उपचार संभव हो सकता है। यह रोग ब्लैडर में संक्रमण का एक विकृत रूप है।
यूरोलॉजी जर्नल में प्रकाशित इस शोध में माना गया है कि नियमित तौर 25 मिलीग्राम वियाग्रा का सेवन तीन महीने तक करने पर महिलाओं को ब्लैडर संक्रमण के उपचार में सफलता मिली है।
गौरतलब है कि वियाग्रा की 50 मिलीग्राम की मात्रा वाली डोज पुरुषों में सेक्स क्षमता बढ़ाने के लिए दी जाती है।
आमतौर पर ब्लैडर से जुड़े अधिकतर संक्रमण एंटीबायोटिक्स के सेवन से ही दूर हो जाते हैं जबकि सिस्टायटिस पर इन दवाओं का असर नहीं होता और यह लंबे समय तक शरीर में बना रहता है। ऐसे में वियाग्रा की मदद से उपचार को शोधकर्ता बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं।
इंटर्सटियल सिस्टायटिस महिलाओं के ब्लैडर में होने वाला ऐसा संक्रमण है जिसमें ब्लैडर से दिमाग संबंधी संदेश बाधित होते हैं।
सामान्य स्थिति में जब ब्लैडर भर जाता है तो दिमाग मांसपेशियों को संदेश भेजता है जिससे मांसपेशियां ढीली हों और यूरीन पास हो सके। इस संक्रमण में ब्लैडर खाली होने पर भी दिमाग इसके भरे होने का संकेत देता है।
इससे कई बार ब्लैडर फुल होने पर भी महिलाओं को दर्द के साथ यूरीन पास होती है। शोधकर्ताओं ने 48 महिलाओं को दो समूहों में बांटकर उनपर वियाग्रा व एंटीबायोटिक्स का परीक्षण किया और पाया कि वियाग्रा का सेवन महिलाओं को इस समस्या से निजात दिलाने के इलए अधिक सुरक्षित विकल्प है।
इस शोध के बारे में स्कॉटलैंड के क्वीन्स मार्ग्रेट अस्पताल के डॉ. रॉबिन वेबस ने बताया, ”इंटर्सटियल सिस्टायटिस पर एंटीबायोटिक्स का लाभ हमेशा से चुनौती रहा है ऐसे में यह शोध उम्मीद की किरण साबित हो सकता है। हालांकि यह शोध फिलहाल बहुत छोटे वर्ग पर किया गया है इसलिए पहले इसके व्यापक परीक्षण की आवश्याकता को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं।”