लखनऊः तीन तलाक पर छिड़ी बहस के बीच मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि यदि सरकार इस मामले में हस्तक्षेप न करे तो वह डेढ़ साल के अंदर तीन तलाक को खत्म कर देगा। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष डॉ सय्यद सादिक का कहना है कि इस मुद्दे पर “सरकारी हस्तक्षेप” मंजूर नही है।
सादिक का बयान ऐसे समय पर आया है जब खुद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने यह स्वीकार किया है कि उसके पास देश भर की मुस्लिम महिलाओं से शरियत और तीन तलाक के समर्थन में 3.50 करोड़ आवेदन प्राप्त हैं। अंग्रेजी न्यूज चैनल न्यूज 18 के मुताबिक ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की महिला विंग अध्यक्ष आस्मा जोहरा ने 9 अप्रैल को ईदगाह में एक कार्यशाला में करीब 20,000 महिलाओं के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘देशभर की करीब साढ़े तीन करोड़ मुस्लिम महिलाओं ने शरियत व तीन तलाक का समर्थन किया है। जबकि इसके विरोध में बहुत कम मुस्लिम महिलाएं है।’
गौरलतब है कि तीन तलाक के मुद्दे पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया था कि इस मामले को चुनौती देने वाली याचिकाएं सुनवाई योग्य नहीं है क्योंकि यह न्यायपालिका के दायरे से बाहर हैं। कुरान पर आधारित कानून की वैधता को संविधान के कुछ नियमों के आधार पर नहीं परखा जा सकता। आपको बता दें कि अपने चुनावी कैंपेन के दौरान पीएम मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत तमाम बीजेपी नेता तीन तलाक को खत्म करने की बात कहते रहे हैं। इसी मुद्दे पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि तीन तलाक, निकाह हलाला और बहु विवाह मुस्लिम महिलाओं के सामाजिक स्तर और गरिमा को प्रभावित करते हैं। यह उन्हें संविधान में प्रदत्त मूलभूत अधिकारों से वंचित करते हैं। हालांकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट की नजरों मे हैं और फिलहाल तो इस मुद्दे पर बहुत जल्द कोई समाधान होता नही दिख रहा है।