विदर्भ ने सोमवार को दिल्ली को इंदौर के होल्कर स्टेडियम में नौ विकेट से हराते हुए पहली बार रणजी ट्रॉफी खिताब पर कब्जा किया। रणजी में पदार्पण कर रहे विदर्भ ने सात बार के चैम्पियन को चार दिनों में धूल चटा दी।
विदर्भ को दिल्ली ने जीत के लिए 29 रनों का लक्ष्य दिया था, जिसे उसने पांच ओवरों में एक विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया। अक्षय वखारे (4/95) और आदित्य सरवटे (3/30) की अच्छी गेंदबाजी के दम पर विदर्भ ने दिल्ली की दूसरी पारी 280 रनों पर समेट दी। इस पारी में रजनीश गुरबानी ने विदर्भ के लिए दो विकेट लिए।
इसके बाद पहली खिताबी जीत के लिए दिल्ली की ओर से मिले 29 रनों के लक्ष्य को हासिल करने उतरी विदर्भ ने पहले ओवर की तीसरी ही गेंद पर कप्तान फैज फजल (2) के रूप में अपना पहला विकेट गंवाया। संजय रामास्वामी (नाबाद 9) और वसीम जफर (नाबाद 17) ने जीत के लिए जरूरी रन हासिल कर 32 स्कोर बनाने के साथ विदर्भ को पहली खिताबी जीत दिलाई।
अपने आठवें खिताब के लिए प्रयासरत दिल्ली ने टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 295 रन बनाए थे। इसमें ध्रुव शोरे के 145 रन शामिल हैं। इसके अलावा, हिम्मत सिंह (66) ने भी अहम योगदान दिया।
विदर्भ के लिए दिल्ली की पहली पारी में रजनीश गुरबानी ने हैट्रिक सहित छह विकेट लिए। आदित्य ठाकरे को दो सफलता हासिल हुई। जवाब में विदर्भ ने अक्षय वाडकर के 133 रनों की बदौलत अपनी पहली पारी में 547 रन बनाकर 252 रनों की अहम बढ़त हासिल की। अक्षय के अलावा, जाफर (78), सरवटे (79) और सिद्धेश नेराल (74) की अर्धशतकीय पारियों ने भी इतने बड़े स्कोर के निर्माण में अहम भूमिका निभाई।
दिल्ली के लिए नवदीप सेनी ने इस पारी में सबसे अधिक पांच विकेट लिए, वहीं आकाश सुदान और कुलवंत खेजरोलिया को दो-दो सफलता हासिल हुई। विदर्भ के खिलाफ सोमवार को दिल्ली ने दूसरी पारी की अच्छी शुरुआत की थी।
चंदेला (9) और गौतम गंभीर (36) का विकेट गिरने के बाद शोरे और राणा ने 114 रनों की शतकीय साझेदारी कर टीम को 164 के स्कोर तक पहुंचाया। गुरबानी ने इसी स्कोर पर वाडकर के हाथों राणा को कैच आउट कर इस साझेदारी को तोड़ दिया।