भाजपा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आरोप लगाया, ‘मैं आप लोगों के साथ वो बात साझा करना चाहती हूं जिसको लेकर हम सभी भारतीय नागरिकों को चिंता करनी चाहिए। जब हमें कारोना वायरस का एकजुट होकर मुकाबला करने चाहिए तो भाजपा सांप्रदायिक पूर्वाग्रह और नफरत का वायरस फैलाने में लगी हुई है।’
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि जब देश में कोरोना वायरस के खिलाफ सभी को एकजुट होने की जरुरत है तो भाजपा सांप्रदायिक पूर्वाग्रह और नफरत का वायरस फैलाने में लगी हुई है।
उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए आंशिक कदम उठाने का दावा करते हुए यह भी कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) और किसानों की मदद के लिए तत्काल राहत की घोषणा की जाए।
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में सोनिया ने कहा कि लॉकडाउन के पहले चरण में ही 12 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए और ऐसे में लोगों की मदद के लिए उनके खातों में 7500 रुपये भेजे जाने चाहिए।
भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया, ‘मैं आप लोगों के साथ वो बात साझा करना चाहती हूं जिसको लेकर हम सभी भारतीय नागरिकों को चिंता करनी चाहिए। जब हमें कारोना वायरस का एकजुट होकर मुकाबला करने चाहिए तो भाजपा सांप्रदायिक पूर्वाग्रह और नफरत का वायरस फैलाने में लगी हुई है।’
सोनिया के मुताबिक वाणिज्य एवं उद्योग और व्यापार पूरी तरह से रुक गया है और करोड़ों लोगों की जीविका का साधन छिन गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया, ‘दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र की तरफ से अभी आंशिक कदम उठाए गए हैं। जो करुणा, बड़ा दिल और सजगता दिखनी चाहिए थी उसका अभाव है।’
उन्होंने कहा, ‘हमने प्रधानमंत्री से बार बार आग्रह किया है कि कोरोना वायरस की जांच करने, मरीज के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने और उन्हें पृथकवास में रखने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। जांच अभी भी बहुत कम हो रही हैं और जांच किट की आपूर्ति भी कम है और जो उपलब्ध हैं वो भी अच्छी गुणवत्ता वाली नहीं है।’ उन्होंने यह दावा भी किया कि पीपीई किट की संख्या कम और गुणवत्ता खराब है।
बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, ‘लॉकडाउन की सफलता अंतत: कोविड-19 से निपटने की हमारी क्षमता से परखी जाएगी। कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई में केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग सफलता के लिए अहम है।’
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अगर केंद्र सरकार कोविड-19 से निपटने में राज्यों की वित्तीय मदद के लिए आगे नहीं आती तो राज्य कमजोर पड़ जाएंगे।
वहीं पुड्डुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने कहा, ‘केंद्र ने हमें कोई सहायता नहीं दी है। संकट की इस घड़ी में राज्य अपना काम कैसे चलाएगा?’