खण्डवा – “प्रतिस्पर्धा और भागदौड़ भरी जिंदगी में आज के युग में माता-पिता अपने बच्चों को बेहतर जीवनशैली, भौतिक वस्तुएं और स्कूल तो दे सकते है लेकिन परवरिश के लिए पर्याप्त समय नहीं। बच्चों की इस बड़ी कमी को सिर्फ उनके दादा-दादी या नाना-नानी ही पूरा कर सकते है। बच्चों को अपने ग्रेंड-पेरेंट्स का सानिध्य मिले तो ही उनका बचपन बचा रह सकता है।”
विद्याकुंज इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित “ग्रेण्ड पेरेन्ट्स डे ” की अवधारणा को स्पष्ट करते हुए डायरेक्टर जय नागड़ा ने यह बात कही। ग्रीष्मावकाश के पूर्व इस सत्र का अंतिम दिन “ग्रेण्ड पेरेन्ट्स डे ” के रूप में मनाया गया। अपने दादा-दादियों और नाना-नानियों के स्वागत में नन्हे बच्चोँ ने मनोरंजक प्रस्तुती दी। बच्चों के उत्साह को देख बुजुर्गो को भी अपना बचपन याद आ गया और उन्होंने भी रोचक प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। अपने किस्म का यह अनूठा आयोजन दादा-दादियों के मन को छू गया,बच्चों से मिले सम्मान से वे भाव-विभोर हो गए।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए ग्रेंड पैरेंट माणिकराव आव्हाड़ ने कहा कि विद्याकुंज इंटरनेशनल स्कूल ने शिक्षा के क्षेत्र में नित नए प्रयोग किये है,जिसमे पढ़ाई में नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल है तो भारतीय संस्कारों की सीख भी है। अज़गर अली ने कहा स्कूल में बच्चों के माता-पिता तो हर आयोजन में सामान्य रूप से जाते है लेकिन बच्चों के दादा-दादियों और नाना-नानियों को ऐसे अवसर कम ही उपलब्ध होते है।
इस आयोजन से उनके बचपन की यादें ताज़ा हो गई है। सरस्वती वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। प्रिंसिपल अनिता केप्रिहन ने आरम्भ में सभी का स्वागत करते हुए स्कूल की वर्षभर की गतिविधियों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि मात्र 3 वर्ष में यह स्कूल कक्षा 9 वीं तक विस्तारित हो गया है । कार्यक्रम मे संस्था के अध्यक्ष नवनीत जैन, चन्द्रहास दलाल सहित बड़ी संख्या में ग्रेंड-पेरेंट्स उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में प्रतियोगिताओ में विजयी ग्रेण्ड पेरेंट्स को पुरुस्कृत किया गया ।