जयपुर: भीड़ द्वारा हिंसा को लेकर संसद से लेकर देशभर में चल रही बहस के बीच राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा है कि भीड़ द्वारा की जा रही हिंसा किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है। एक अंग्रेजी समाचार पत्र में लिखे अपने आलेख में राजे ने कहा है कि किसी राजनीतिक दल पर भीड़ की हिंसा को प्रश्रय देने का आरोप लगाना पूरी तरह गलत है।
गौरतलब है कि राजस्थान में गौरक्षा व अन्य मामलों को लेकर भीड़ द्वारा हिंसा के कई मामले पिछले दिनों सामने आए है। इनमें अलवर के पहलू खान, प्रतापगढ़ में जफर खान की मौत जैसे मामले देश भर में चर्चित रहे है। इन मामलों को राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हालांकि पहले भी गलत बता चुकी है, लेकिन इस लेख के जरिए उन्होंने इन मामलों पर पहली बार पार्टी और सरकार की स्थिति विस्तार से स्पष्ट की है।
इस लेख में उन्होंने कहा है कि घटना होने और उसके पीछे के कारणों को लेकर हर व्यक्ति का दृष्टिकोण अलग होता है। राजे ने लिखा है कि पिछले 18 माह से विपक्ष द्वारा यह प्रचारित किया जा रहा है कि भीड़ द्वारा की जा रही हिंसा को भाजपा का राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। जबकि हकीकत यह है कि कोई भी राजनीतिक दल धर्म, जाति या खाने की आदतों को लेकर होने वाली किसी भी तरह का हिंसा का समर्थन नहीं कर सकता। ऐसा आरोप ईमानदारी से परे और पूर्वाग्रह से ग्रसित है।
राजे ने स्वीकार किया है कि राजस्थान में इस तरह की घटनाओं को लेकर मुझे भी निशाना बनाया जा रहा है, लेकिन इन मामलों में जो कुछ सरकार ने अब तक किया है, उससे ऐसे आरोप पूरी तरह गलत साबित होते है।
राजे ने लिखा है कि आरोप लगाने से दोष सिद्ध नहीं हो जाता। आरोप और दोष दो अलग- अलग बातें है। राजे ने प्रतापगढ़ में खुले में शौच को लेकर हुए विवाद में जफर खान की मौत पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि इस मामले को लेकर अलग-अलग बातें सामने आ रही है।
मामले की जांच चल रही है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह पहलू खान के मामले में भी दोषियों को पकड़ा गया है और कोर्ट में चालान पेश किए गए है। राजे ने कहा कि इन मामलों में पेश की जा रही कहानियां आंकड़ों से बिल्कुल विपरीत है।
राजे ने अपने लेख में लिखा है कि भाजपा के हर कार्यकर्ता को असहिष्णु बताना उचित नहीं है। ऐसी घटनाओ के पीछे कई तरह के कारण होते है। सरकार पर ऐसी घटनाओं के प्रति आंखे मूंदने का आरोप पूरी तरह गलत है। राजे ने लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कई बार भीड द्वारा की जा रही हिंसा को गैर कानूनी बता चुके है और हम सभी इस तरह की घटनाओं का समर्थन नहीं कर सकते। संविधान के लिए सबसे उपर है। हम चाहते है कि ऐसी धटनाएं न हो और हम इसके लिए प्रयास करते रहेंगे।