लोकसभा चुनाव 2019 के आखिरी चरण के मतदान के दौरान भी पश्चिम बंगाल में जमकर हिंसा भड़की। गाड़ियों को जलाने से लेकर बम फेंकने तक की खबरें सामने आईं।
सांतवें चरण के वोटिंग में भी बंगाल में टीएमसी और भारतीय जनता पार्टी के समर्थक आपस में भीड़े और नौबत यहां तक आ गई कि बशीरहाट में मतदाताओं को वोट डालने के लिए पोलिंग बूथ के बाहर धरना प्रदर्शन करना पड़ा।
आगजनी की घटनाओं के लिए भारतीय जनता पार्टी ने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया। भाजपा ने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर अपने नेताओं को पीटने का आरोप लगाया।
हिंसा की घटनाओं के बीच पुलिस को टीएमसी पार्षद सुभाष बोस को हिरासत में लेना पड़ा और भाजपा नेता अनुपम दत्ता को भी नजरबंद करना पड़ा।
भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर लोगों को वोट डालने से रोकने का आरोप लगाया।
जाधवपुर से भाजपा प्रत्याशी अनुपम हाजरा ने आरोप लगाया कि टीएमसी के गुंडों ने उनके एक कार्यकर्ता को पीटा और कार पर हमला करके ड्राइवर को भी पीटा गया।
पश्चिम बंगाल में पहले दौर के मतदान से लेकर आखिरी दौर तक के मतदान तक एक भी चरण ऐसा नहीं रहा जब भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झपड़ न हुई हो।
बता दें कि आखिरी चरण में बंगाल की 9 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हो रही है। इनमें कोलकाता उत्तर, कोलकाता दक्षिण, दमदम, बारासात, बशीरहाट, जादवपुर, डायमंड हार्बर, जयनगर (एससी) और मथुरापुर (एससी) लोकसभा सीटें शामिल हैं।
हिंसा रोकने और शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए पश्चिम बंगाल में केंद्रीय बलों की 710 कंपनियां और राज्य पुलिस की तैनाती की गई है। लेकिन इसके बाद भी आखिरी चरण में जमकर उत्पाद और हिंसा की खबरें आईं।
बशीरहाट के 189 पोलिंग बूथ नंबर के बाहर मतदाताओं ने प्रदर्शन किया और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर वोट डालने से रोकने का आरोप लगाया।
बशीरहाट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सयतन बसु ने कहा कि 100 के करीब कार्यकर्ताओं ने जनता को वोट डालने से रोका। वहीं, बशीरहाट के 189 पोलिंग बूथ नंबर पर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को भेजना पड़ा।