नई दिल्ली- जम्मू कश्मीर में भारत पाकिस्तान सीमा पर तैनात बीएसएफ के एक जवान ने सोशल मीडिया पर वीडियो के माध्यम से खराब खाने को लेकर अपना दर्द बयान किया है। उसने बताया कि खाने की खराब क्वालिटी के चलते जवानों को कई बार भूखा भी रहना पड़ता है। मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
वीडियो में तेज बहादुर यादव नाम के इस जवान ने वर्दी पहन रखी है और एक राइफल ले रखी है। हालांकि इन सबके के लिए उसने सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया।
जवान मुताबिक भारत सरकार की ओर से उन्हें सभी जरूरत की वस्तुएं भेजी जाती हैं लेकिन अफसर इन सामानों को बेच देते हैं। जिसकी वजह उन्हें वो सभी चीजें नहीं मिल पाती हैं जो कि उन्हें मिलनी चाहिए।
जवान ने वीडियो में बताया है, ‘नाश्ते में सिर्फ एक पराठा मिलता वो भी बिना अचार या सब्जी के। खाने में मिलने वाली दाल में केवल हल्दी और पानी ही रहता है। इसी खाने की बदौलत वे 11 घंटे खड़े होकर लगातार ड्यूटी कैसे करते हैं ये केवल हमें ही पता है।’
जवान ने पीएम से इस मामले दखल देने की मांग की है। तेज बहादुर ने केंद्र सरकार से मामले की जांच कराने की अपील की है। जवान ने बाकायदा वीडियो शेयर करते हुए अपनी बात रखी है।
बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव का ये वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहा है। लोग इस वीडियो को तेजी से शेयर कर रहे हैं। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि उन्होंने बीएसएफ जवान द्वारा शेयर किया गया वीडियो देखा। उन्होंने इस पर रिपोर्ट मांगी है जिससे मामले पर कार्रवाई हो सके।
वहीं बीएसएफ ने भी जांच शुरू कर दी थी। वहीं बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि यादव पर कई मामलों में अनुशासनात्मक कार्रवाई हो चुकी है। बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि तेज बहादुर यादव जहां पर तैनात है वह बीएसएफ की ट्रांजिंट पोस्ट है। इसका ऑपरेशनल कंट्रोल सेना के पास है और वहीं राशन मुहैया कराती है।
उन्होंने कहा कि इस तरह की पोस्ट में अच्छी सुविधाएं नहीं होती हैं क्योंकि ये अस्थायी तौर पर बनाई जाती है और दूरदराज के इलाकों में होती हैं। एक अधिकारी ने बताया कि यादव ने 31 जनवरी 2016 को स्वैच्छिक सेवानिवृति के लिए अर्जी दी थी। उन्हें 10 दिन पहले संतरी की ड्यूटी पर तैनात किया गया था। अधिकारी ने बताया, ”यादव को आदेश ना मानने के चलते फटकारा जा चुका है और कम से कम चार बार बड़ी सजाएं दी गईं। इनमें शराब पीकर गाली-गलौच करना, अभद्र भाषा का इस्तेमाल, गैरमौजूद रहना और आधिकारिक आदेश से विपरीत काम करने के आरोप शामिल हैं। आखिरी अपराध के लिए उन्हें बीएसएफ कोर्ट ने सात दिन की कड़ी जेल की सजा दी थी।[एजेंसी]