भारत की एकदिवसीय और टी-20 टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के सितारे लगता है उनसे रूठ गए हैं ! एक तो आईपीएल-9 में उनकी टीम सनराइजर्स पुणे सुपरजाएंटस 10 में से 7 मैच हार चुकी है ! दूसरा ख़ुद उनका बल्ला भी अब विरोधियों पर क़हर बनकर नही टूट रहा !
हालात अब ऐसे है कि टीम इंडिया के वनडे और टी-20 कप्तान एमएस धोनी को आलोचना का भी शिकार होना पड़ रहा है। कई विशेषज्ञ और पूर्व कप्तान उनकी क्षमताओं पर सवाल उठा रहे हैं। इस कड़ी में अब तक धोनी का समर्थन करते रहे टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली भी शामिल हो गए हैं। गांगुली ने उनके टीम में बने रहने की वकालत तो की, लेकिन कप्तान बने रहने पर सवाल उठा दिया।
गौरतलब है कि विराट कोहली इंटरनेशनल क्रिकेट के बाद आईपीएल में भी गजब के फॉर्म में हैं, वहीं धोनी बल्लेबाजी के साथ-साथ कप्तानी में भी फ्लॉप साबित हो रहे हैं। वह अपनी टीम का संयोजन तक नहीं तलाश पा रहे हैं। हालांकि इसमें टीम के केविन पीटरसन, फाफ डु प्लेसिस और स्टीव स्मिथ सहित 4 प्रमुख खिलाड़ियों का चोटिल होना भी एक कारण रहा है।
धोनी के इस फ्लॉप शो के साथ ही उनके रिटायरमेंट की चर्चा जोर पकड़ रही है। हालांकि सौरव गांगुली के अनुसार उन्हें संन्यास नहीं लेना चाहिए, लेकिन कप्तानी विराट को सौंप दी जानी चाहिए। गांगुली ने कहा, ‘विश्व की हर टीम अपने भविष्य की तैयारी करती है। टीम इंडिया के चयनकर्ताओं से मेरा सवाल अगले 3-4 साल को देखते हुए है। क्या वह सोचते हैं कि धोनी में तब तक कप्तानी लायक क्षमता रहेगी।’
इंडिया टुडे से बातचीत में गांगुली ने कहा, “धोनी के रिटायर होने का सवाल ही नहीं उठता है। हां, उन्हें 2019 तक क्यों कप्तान बनाए रखा जाए, यह मुझे समझ में नहीं आता। अगर धोनी 2019 में कप्तान बने तो यह काफी आश्चर्यजनक होगा।”
उन्होंने कहा कि पिछले 9 सालों से धोनी ने कप्तान की जिम्मेदारी बखूबी निभाई है, लेकिन क्या वह 3-4 साल और निभा सकते हैं, इस पर सवाल है। उन्होंने पहले ही टेस्ट से संन्यास ले लिया है और केवल वनडे व टी-20 ही खेल रहे हैं। गौरतलब है कि धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया टी-20 वर्ल्ड कप, वनडे वर्ल्ड कप और आईसीसी चैपियन्स ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंट जीत चुकी है, जो अपने आप में बेमिसाल है।
हालांकि गांगुली ने कहा कि धोनी में अभी भी बहुत क्रिकेट बचा है और वह टीम को अभी बहुत कुछ दे सकते हैं। अब चयनकर्ताओं को इस सवाल का हल ढूंढना है कि वह धोनी को 2019 तक कप्तान के रूप में उचित मानते हैं या नहीं। यदि वह भी मानते हैं कि नहीं, तो उन्हें नए कप्तान की ओर जाना चाहिए।
विराट कोहली पहले ही 17 मैचों में टीम इंडिया की कप्तानी कर चुके हैं, जिसमें उन्होंने 4 सेंचुरी लगाई हैं, जबकि 34 वर्षीय धोनी इस परीक्षा में पास नहीं हो सके हैं और उनका बल्ले से ‘मिडास टच’ गायब है। वर्ल्ड कप के बाद कोहली आईपीएल में भी धूम मचा रहे हैं।
गांगुली ने कहा, “विराट कोहली दिन प्रतिदिन बेहतर होते जा रहे हैं। सतत प्रदर्शन के मामले में वह इस समय विश्वभर में बेस्ट हैं। फील्ड पर उनका एटिट्यूड भी जबर्दस्त रहता है। उनका टेस्ट कप्तानी रिकॉर्ड भी अच्छा है।”
वहीँ दूसरी तरफ विराट कोहली से जो धोनी को चुनौती मिल रही है ऐसा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बहुत कम देखने को मिलता है ! ऐसा कम होता है कि किसी खिलाड़ी को सीधे टेस्ट टीम की कप्तानी मिले. लेकिन विराट कोहली के साथ ऐसा हुआ !
धोनी ने ना सिर्फ टेस्ट क्रिकेट से कप्तानी छोड़ी बल्कि खेलना ही छोड़ दिया ! बड़े अजीब से हालात थे ! अब विराट कोहली जिस तरह के ज़बरदस्त फॉर्म में हैं तो उन्हें कप्तान बनाने की मांग भी ज़ोर-शोर से उठेगी !
लेकिन यह भी ध्यान रखना चाहिए कि जिस तरह से धोनी की टीम पुणे आईपीएल में पीछे रही है उसी तरह विराट कोहली की टीम बेंगलोर भी पीछे ही है !
जहां तक साल 2019 तक महेंद्र सिंह धोनी के फिट बने रहने की बात है तो उसको लेकर कोई शक नही है ! लेकिन अगर धोनी 2019 तक खेलते हैं तो फिर उन्हें खेलते हुए 15 साल से अधिक हो जाएंगे !
इतने साल खेलने से शरीर तो थकता ही है, उससे अधिक मानसिक थकान होती है ! अगर धोनी थोड़े समय के लिए क्रिकेट छोड़ दें तो फिर वह तरोताज़ा होकर क्रिकेट खेल सकते हैं !
लेकिन इतने बड़े खिलाड़ियों को यह डर भी होता है कि कहीं कोई और खिलाड़ी उनकी जगह ना ले ले ! इन दिनों क्रिकेट में मुकाबला बहुत है !
अब यह भी सच है कि जिस धोनी को सभी जानते हैं वह टीम में जोश लेकर आते थे ! अब वह जोश उनकी बल्लेबाज़ी में कम दिखाई देता है !
अब धोनी के पास दो ही रास्ते हैं ! या तो वह क्रिकेट से कुछ समय के लिए आराम ले लें या फिर वह कप्तानी का बोझ अपने सिर से उतार कर विराट की कप्तानी में खेलें ! इससे पहले सुनील गावस्कर, रिकी पोंटिंग और कपिल देव जैसे खिलाड़ी ऐसा कर चुके हैं !
[खेल डेस्क]