भोपाल : व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) द्वारा आयोजित पीएमटी के जरिए गड़बड़ी करके गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में प्रवेश पाने वाले 47 छात्रों को बर्खास्त कर दिया गया है। इन छात्रों ने वर्ष 2008 से 2012 के बीच चिकित्सा महाविद्यालय में दाखिला लिया था।
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व्यापम घोटाले में आए दिन नये नये मोड़ आते जा रहे है। फर्जी तरीके से एडमिशन लेने वालों की छटती की जाने लगी है। जानकारी के अनुसार पीईबी में गड़बड़ी कर गांधी मेडिकल कॉलेज में फर्जी तरीके से एडमिशन लेने वालों को बर्खास्त किया गया है। कॉलेज डीन डॉ. एमसी सोनगरा ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पीएमटी गड़बड़ी मामले में जारी निर्देशों के तहत गुरुवार को 47 स्टूडेंट्स को बर्खास्त किया है,जिन्होंने वर्ष 2008 से 2012 के बीच एडमिशन लिया था। जिनमें 22 एमबीबीएस के लास्ट ईयर स्टूडेंट है।
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गड़बड़ी के आरोपियों में शामिल पीएमटी 2012 के स्टूडेंट्स कॉलेज में पढ़ रहे थे, जबकि 25 प्रैक्टिस कर रहे हैं। बता दे की जिन स्टूडेंट्स को बर्खास्त किया गया है उनकों पहले ही व्यापम और चिकित्सा शिक्षा संचालनालय की ज्वाइंट कमेटी जांच में संदिग्ध घोषित किया था।जिनके खिलाफ थाने में भी मामला दर्ज है। और अब इस पर सीबीआई जांच कर रही है।
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इसके अलावा उन पर भी कार्रवाही की गई है, जो कॉलेज से पढ़ाई कर डिग्री पूरी कर डॉक्टर बन चुके है। ऐसे 25 स्टूडेंट्स है,जिनके एडमिशन के साथ डिग्री निरस्त कराने के लिए मध्यप्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी को पत्र भी लिखा जा चुका है। ताकि संबंधितों के मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रेशन निरस्त हो सकें।
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डीन डॉ. सोनगरा ने बताया की पीएमटी 2013 गड़बड़ी की जांच कर रही एसटीएफ ने भी पीएमटी 2008 से 2012 तक की जांच की थी। जांच में अारोपों को सही पाया गया था। इसके बाद अलग से संबंधितों के खिलाफ एफआईआर कर जांच शुरू की थी। जिस तरह से 43 लोगों को बर्खास्त किया गया है, अंदाजा लगाया जा रहा है की आने वाले समय में बर्खास्त की संख्या में बढोत्तरी होने वाली है।
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