भोपाल – मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का तीसरा दिन भी हंगामे के साथ शुरू हुआ। डेढ़ घंटे के अंदर दो बार विधानसभा भंग करनी पड़ी और अंत में विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई। यह निर्णय विपक्ष के हंगामे को देखते हुए लिया गया।
कार्यवाही के दौरान बसपा के तीन विधायक सदन में व्यापमं घोटाले के विरोध में एप्रीन पहनकर पहुंचे और गर्भगृह में नारेबाजी भी की। बसपा विधायकों ने आरोप लगाया कि, जब वे गर्भगृह में नारेबाजी कर रहे थे, तो भिंड से बीजेपी के विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह ने उन्हें चप्पल दिखाई और मारने भी दौड़े। बसपा विधायकों ने इसकी शिकायत विधानसभा अध्यक्ष सीतासरन शर्मा से कर कुशवाह को निलंबित करने की मांग की है। वहीं परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने घटना की निंदा भी की है।
बुधवार सुबह सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो बसपा विधायक सत्यप्रकाश सकवार, शीला त्यागी, ऊषा चौधरी व्यापमं के घोटाले के विरोध में एप्रीन पहनकर आए। जिस पर व्यापमं को खूनी घोटाला बताया गया था। बसपा विधायकों ने भिंड से विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह पर आरोप लगाया कि वे तीनों विधायकों को मारने के लिए उठे थे।
बसपा विधायकों ने चेतावनी दी है कि वे कुशवाह के खिलाफ एससी/एसटी कानून के तहत मुकदमा भी दर्ज कराएंगे। हंगामे के कारण विधानसभा को दो बार थोड़ी-थोड़ी देर के लिए स्थगित करना पड़ा। विधायक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग कर रहे थे।