भोपाल- पाकिस्तान छोड़कर पिछले एक दशक या उससे अधिक समय से मध्यप्रदेश की राजधानी सहित कई जिलों में रह रहे पाकिस्तानी, भारतीय नागरिकता पाने के लिए सालों से जद्दोजहद कर रहे हैं !
इनकी मांग को अब भारत सरकार ने मान लिया है। भारत की नागरिकता पाने की लंबी फेहरिश्त को देखते हुए भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने मप्र की राजधानी भोपाल में ही इन प्रकरणों के निराकरण के लिए एक शिविर लगाने का निर्णय लिया है। यह विशेष शिविर 16 जून के बाद भोपाल के कलेक्टर कार्यालय में लगाया जाएगा। इसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय के निदेशक, भारतीय व पाकिस्तानी दूतावास के आला अधिकारी मौजूद रहेंगे, जो नागरिकता संबंधी प्रकरणों की सुनवाई कर उनका निराकरण मौके पर ही करेंगे।
भोपाल में करीब 6 हजार ऐसे लोग हैं, जो पाकिस्तान छोड़कर भारत में आए हैं और उन्हें भारत की नागरिकता का इंतजार है।
पाकिस्तान से आए करीब 35 हजार परिवार मध्यप्रदेश में निवास कर रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा इंदौर में 9 हजार के करीब हैं। भोपाल में करीब 6 हजार ऐसे परिवार बैरागढ़ और पुराने शहर में रह रहे हैं। इनमें से 90 प्रतिशत सिंधी समुदाय के हैं। इन्हें भारत में रहने से कोई नहीं रोक रहा, लेकिन न तो इनके आधार कार्ड बन रहे हैं और न ही वोटर आईडी कार्ड, बैंक में खाता खोलने के लिए आरबीआई की अनुमति लेनी पड़ती है, जो जटिल प्रक्रिया है। वीजा रिन्यू कराने में खुद की उपस्थिति अनिवार्य है। ये लोग हर काम के लिए परेशान होते हैं।
पाकिस्तान से आए लोगों को स्थाई नागरिकता प्रदान कराने के लिए कलेक्ट्रेट में विशेष शिविर लगाया जा रहा है। शिविर में केंद्रीय गृह मंत्रालय के निदेशक सहित भारतीय व पाकिस्तानी एम्बेसी के अधिकारी आ रहे हैं। वह इन नागरिकों की समस्याओं का निराकरण करेंगे। संभवत: 16 जून के बाद कभी भी शिविर लग सकता है।
रत्नाकर झा, एडीएम, भोपाल