बठिंडा : एक निजी यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने अपने हॉस्टल वॉर्डन के खिलाफ प्रदर्शन किया।
उनका आरोप है कि टॉयलेट में सैनिटरी पैड किसने फेंका, यह जांच करने के लिए करीब एक दर्जन छात्राओं के जबरन कपड़े उतरवाए गए।
इस बीच मामला तूल पकड़ने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दो महिला वॉर्डनों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं।
तलवंडी साबो में स्थित एक यूनिवर्सिटी की करीब 600-700 छात्राओं ने घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।
प्रशासन ने उन्हें रोक पाने में नाकाम रहने और ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में दो महिला सुरक्षाकर्मियों को भी नौकरी से बर्खास्त कर दिया है।
शुरुआत में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मामले को छोटी गलती बताया लेकिन जब छात्राओं ने प्रदर्शन शुरू किया तो बिना कोई कानूनी कार्रवाई किए चार कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया।
छात्राओं ने प्रशासन पर चारों कर्मचारियों के खिलाफ देरी से कार्रवाई का आरोप लगाया है। छात्राओं का यह भी आरोप है कि कैंपस के अंदर दकियानूसी माहौल है और उन्हें पुरुष सहपाठियों (छात्रों) से बात तक नहीं करने दिया जाता है।
विरोध प्रदर्शन में शामिल छात्राओं का कहना है कि वे वॉर्डन और यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं और दोनों वॉर्डन पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
तलवंडी साबो की यूनिवर्सिटी में दो दिन पहले टॉयलेट में इस्तेमाल किए गए सैनिटरी पैड मिले थे।
हॉस्टल वॉर्डनों ने कथित तौर पर दो महिला सुरक्षाकर्मियों की मदद से करीब 12 छात्राओं के कपड़े उतरवाए।
अकाल यूनिवर्सिटी के डीन एमएस जोहल का कहना है कि दो वॉर्डन और दो सुरक्षाकर्मियों को इस मामले में बर्खास्त कर दिया गया है।