लखनऊ: उत्तर प्रदेश की विधानसभा में गुरुवार को मॉब लिंचिंग का मामला उठा। सपा सदस्य रफीक अंसारी ने मॉब लिंचिंग मामला उठाते हुए मेरठ की घटना का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मॉब लिंचिंग घटना के विरोध में मेरठ में लोग प्रदर्शन कर रहे थे और शांतिपूर्ण कैंडल मार्च निकाल रहे थे। धारा 144 लागू होने के बाद भी वहां पर 5000 से अधिक लोग एकत्रित हो गए, उन पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया और 1000 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया और 70 -75 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया। उन्होंने कहा कि मेरठ का एक भाजपा का नेता मेरठ में दंगा कराना चाहता था।उस नेता का नाम उजागर किया जाना चाहिए। वहां पर दंगा भड़काने की कोशिश की जा रही है।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने इस विषय पर बोलते हुए कहा कि यह सरकार किसी को नापाक तरीके से परेशान नहीं करना चाहती है। जब कोई उद्दंडता करेगा तो सरकार के पास सारे विकल्प हैं। माहौल खराब करने के लिए सरकार ने किसी को छूट नहीं दी है।प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली – मेरठ राजमार्ग जाम कर दीया और गाड़ियों में तोड़फोड़ की और हिंसा भी हुई। जिस वजह से पुलिस ने पहले प्रदर्शनकारियों को समझाया, जब वह नहीं माने तो उन पर बल प्रयोग किया गया। इस मामले को दिखा लिया जाएगा और किसी भी निर्दोष को सजा नहीं दी जाएगी।
नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि देश- दुनिया में मॉब लिंचिंग की घटना पर निंदा की जा रही है। अमेरिका ने भी कह दिया है कि सबसे अधिक मोब लिंचिंग की घटना उत्तर प्रदेश में हो रही है।
@शाश्वत तिवारी