गणतंत्र दिवस के मौके पर पूरे देश की नज़र दिल्ली के राजपथ पर हैं. लोग देश के गौरव को अपनी आंखों से देख रहे हैं। लेकिन देश के किसी कोने में दुर्गम इलाके में भी इसी गौरव को स्थापित किया जा रहा है ।
देश के अर्धसैनिक बल भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के सैनिकों ने हिमालय की बर्फीली चट्टानों पर 18 हज़ार फीट की ऊंचाई पर माइनस (-30) डिग्री सेल्सियस में तिरंगा फहराया. ITBP ने इसका वीडियो भी ट्विटर पर शेयर किया।
हिमाद्रि तुंग श्रृंग से
प्रबुद्ध शुद्ध भारती… #Himveers of #ITBP with #NationalFlag somewhere in the #Himalayas in minus 30 degrees at 18K ft #RepublicDay2018#RepublicDayParade2018 pic.twitter.com/y6fQGYIqQz— ITBP (@ITBP_official) January 26, 2018
आइये जानते है इस बार राजपथ पर पहली बार क्या हुआ-
69वें गणतंत्र दिवस के मौके पर इस बार राजपथ का नज़ारा बेहद खास रहा। जहां सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ने भारत के ताकतवर जंगी बेड़े का परिचय दिया तो वहीं कई ऐसी पहली बार कई ऐसी चीजें बार राजपथ पर लोगों को देखने को मिली।
आइये जानते है इस बार राजपथ पर पहली बार क्या हुआ-
1-इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर परेड में 10 आसियान देशों के राष्ट्र प्रमुखों ने राजपथ की शोभा बढ़ाई। आसियान देशों में थाइलैंड, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीनस, सिंगापुर, म्यांमा, कंबोडिया, लाओस और ब्रुनेई के प्रमुख शामिल थे।
2- गणतंत्र दिवस के मौके पर इस बार पुरुष नहीं बल्कि बीएसएफ की महिला बाइकर्स खतरनाक स्टंट करती नजर आईं। दिल्ली के राजपथ पर हर साल पुरुष जवान हैरतअंगेज करतब दिखाते हैं लेकिन इस बार महिलाओं अपना दमखम दिखाया। इस बार ऐसा पहला मौका है जब बीएसएफ की महिला बाइकर ने राजपथ में परेड के दौरान हिस्सा लिया। ये नज़ारा बेहद रोमांचित और हैरान कर देनेवाला था।
3- भारतीय वायुसेना की ओर से किए जाने वाले फ्लाई-पास्ट में भी हेलीकॉप्टर्स पर तिरंगे और तीनों सेनाओं के झंडों के अलावा एशियान का झंडा भी लहराता दिखाई दिया।
4-परेड के दौरान हथियारों को पता लगाने वाले रेडार स्वाति को भी शामिल किया गया। यह रेडार सात लक्ष्यों को एक साथ ट्रैक करने में सक्षम है।
5-पहली बार फ्लाईपास्ट में वायुसेना के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, रूद भी परेड का हिस्सा बना।
6- परेड में झांकियों की आगवानी ऑल इंडिया रेडियो की झांकी ने की।
7- जम्मू-कश्मीर के बर्फीले कराकोरम पास से लेकर अरुणाचल प्रदेश के जेछाप ला तक के 3488 किमी लंबे बार्ड की निगरानी करने वाली आइटीबीपी (इंडो-तिब्बत बार्डर पुलिस) की परेड जब राजपथ पर निकली तो नजारा अनूठा था। स्नो स्कूटर्स पर निकली परेड में बर्फीली चौकियों का दृश्य दिखा, तो चीनी सेना का भी दीदार किया गया।
8-पांच राज्यों में देश की सीमा की रक्षा करने वाली आइटीबीपी दुर्गम इलाकों में रहकर दुश्मन की सेना का सामना करती है। जो कैनवास झांकी का हिस्सा था। राजपथ पर निकली परेड में आखिरी बार आइटीबीपी की झांकी 1998 में शामिल हुई थी।
9-नौसेना के स्वदेशी निर्मित एयरक्राफ्ट करियर विक्रांत (आईएसी) को भी परेड में शामिल किया गया। इसे 2020 में शामिल किया जाएगा।