इंदौर : इंदौर के एरोड्रम थाना क्षेत्र में उस समय हड़कंप मच गया जब थाना क्षेत्र के पल्हर नगर के रहवासी इलाके में एक आदम खोर तेंदुआ घुस आया। जिस घर में सबसे पहले तेंदुआ घुसा था। उसने बताया जब वह सुबह बिल्डिंग में जा रहे थे तब गेट के पास तेंदुआ को बैठा देखा। जिसके बाद इसकी सूचना उस व्यक्ति ने रहवासियों को दी। तेंदुआ रहवासियों को दिखाई दिया तो रहवासियों ने खुद को घरो में कैद कर लिया। वही कुछ लोग तेंदुआ की एक झलक देखने के लिए पेड़ से लेकर छत तक चढ़कर बैठ गए थे।तेंदुए के आने की सुचना रहवासियों ने सबसे पहले एरोड्रम पुलिस को दी। जिसके बाद एरोड्रम पुलिस ने वन विभाग और नगर निगम को दी जिसके बाद लगभग एक से डेढ़ घंटे तक रेस्किव ऑपरेशन कर के आदम खोर तेंदुए को पकड़ा गया।
सुनील वर्मा ने बताया कि तेंदुआ देर रात कालोनी में आया और आकर निमार्णधीन बिल्डिंग में छुप कर बैठ गया। जब सुबह बिल्डिंग का काम करने के लिए मजदूर आये तो उन्हें गेट के वहा किसी जानवर के बैठे होने का अहसास हुआ, लेकिन जब पास जाकर मजदूरों ने देखा तो तेंदुआ नजर आया। तेंदुआ आने की सूचना मजदूरों ने सबसे पहले रहवासियों को बताई और रहवासियों ने ही इसकी सुचना एरोड्रम पुलिस को दी। सूचना मिलते ही एरोड्रम पुलिस घटनास्थल पर जाकर पहुंची। जब पुलिस ने इस घटना की तबतीस की तो फिर इसकी सुचना वन विभाग के साथ ही नगर निगम को दी। वन विभाग और नगर की टीम ने घटनास्थल पर पहुँचकर तेंदुआ को पकड़ने के लिए एक से डेढ़ घंटे तक काफी संघर्ष किया और इस दौरान कई बार तेंदुए ने वन विभाग के अधिकारी ,कर्मचारियों के साथ ही अन्य लोगो पर हमला किया। तेंदुआ ने हमले में तीन लोगो को घायल कर दिया।
तेंदुआ ने हमले में वन विभाग के डीएफओ आरके सक्सेना को भी घायल कर दिया। वन विभाग और नगर निगम कर्मचारी लगातार तेंदुआ को पकड़ने के लिए प्रयास कर रहे थे लेकिन वन विभाग के साथ ही निगम के पास तेंदुआ जैसे आदमखोर जानवर को पकड़ने के लिए साधन नहीं थे। उसके बाद वन विभाग और निगम की टीम ने एयरगन की मदद से बेहोशी के इंजेक्शन भर कर उसे लगाए गए। उसके बाद चौथे फायर गन में तेंदुआ बेहोश हुआ। बेहोश होने के आधे घंटे बाद भी तेंदुआ के पास वन विभाग की टीम नहीं पहुंची। नगर निगम की टीम डंडे और अन्य साधनो के साथ चेक करने पहुंची। उसके बाद वन विभाग की टीम ने जाल डालकर उसे पकड़कर पिंजरे में कैद करके चिड़ियाघर में छोड़ दिया।