16.1 C
Indore
Monday, December 23, 2024

जल संरक्षण बनाम स्वच्छता अभियान

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों अपने दूसरे कार्यकाल में मन की बात कार्यक्रम के पहले एपिसोड को सम्बोधित किया। अपने सम्बोधन में जहाँ उन्होंने जनसरोकारों से जुड़े और कई मुद्दों का ज़िक्र किया वहीं उन्होंने सर्वप्रथम देश के ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के सबसे ज्वलंत एवं चिंता पैदा करने वाले विषय, जल संरक्षण की ज़रूरतों पर भी विस्तार से रौशनी डाली। प्रधानमंत्री ने पानी के एक एक बूँद के संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान शुरू करने का आवाह्न किया। उन्होंने पानी के संरक्षण हेतु सदियों से चले आ रहे जल संरक्षण के तरीक़ों को फिर से उपयोग में लाने का भी देशवासियों से अनुरोध किया। प्रधानमंत्री ने इस मुहिम को जन आंदोलन का रूप दिए जाने की बात भी कही। निश्चित रूप से जल संकट पूरे विश्व में दिन प्रतिदिन गहराता जा रहा है। यह समस्या इतनी विकराल होती जा रही है कि इस बात के क़यास तक लगाए जाने लगे हैं कि वैश्विक जल संकट कहीं भविष्य में होने वाली महायुद्ध का मुख्य कारण न बन जाए। ऐसे में विश्व के लोगों ख़ास तौर पर सत्ता के सरबराहों का इस विषय को लेकर चिंता करना तथा इस संकट से मुक्ति पाने हेतु उपयुक्त प्रबंधन के उपाय व इसके प्रयास करना स्वाभाविक है।

वर्तमान समय में पूरे विश्व में गहराते जा रहे जल संकट के लिए जहाँ मानव स्वयं दोषी व ज़िम्मेदार है वहीं विगत लगभग एक दशक से प्रकृति ने भी अपनी नाराज़गी दिखानी शुरू कर दी है। हालाँकि प्रकृति की नाराज़गी का कारण भी और कुछ नहीं बल्कि मानव जाति ही है। वैश्विक विकास व प्रगति के नाम पर वृक्षों का बेतहाशा कटान हो रहा है। जंगल के जंगल निर्माण व उद्योगों के नाम पर साफ़ किये जा रहे हैं। हम पेड़ काटते अधिक हैं लगाते कम हैं। उपजाऊ तथा धरती में पानी पहुँचाने वाली कच्ची ज़मीनों पर पत्थर व कंक्रीट के जंगल बन गए हैं। भारत जैसे देश में पूरी आज़ादी के साथ खेती तथा घरेलु ज़रूरतों के लिए भूगर्भीय जल दोहन किया जा रहा है। परिणाम स्वरुप देश के बड़े भूभाग में ज़मीनी जल स्तर प्रत्येक वर्ष नीचे से और नीचे होता जा रहा है। रही सही कसर पोलिथिन व प्लास्टिक के कचरों ने पूरी कर दी है। यह कचरा जहाँ ज़मीन को उपजाऊ नहीं होने देता वहीँ इसकी वजह से धरती पानी भी नहीं सोख पाती। प्रकृति पर हमारी इन “कारगुज़रियों ” का प्रभाव ग्लोबल वार्मिंग के रूप में देखा जा रहा है। एवरेस्ट जैसी पर्वत श्रृंखला जहाँ शताब्दियों से हज़ारों किलोमीटर दूर तक केवल बर्फ़ की सफ़ेद चादर ढकी दिखाई देती थी वहीँ इस श्रृंखला का बड़ा हिस्सा अब बिना बर्फ़ के काले पहाड़ों का दृश्य प्रस्तुत कर रहा है। अनेक ग्लैशियर पिघल चुके हैं। परिणाम स्वरुप समुद्र का जलस्तर बढ़ने लगा है। गर्मी के मौसम में तापमान प्रति वर्ष बढ़ता जा रहा है।विश्व की हज़ारों नदियां इतिहास के पन्नों में समा गयी हैं। इनमें अनेक विलुप्त व सूख चुकी नदियां भारत में भी हैं। बारिश प्रत्येक वर्ष कम से और कम होती जा रही है। बाढ़ की कम सूखा पड़ने की ख़बरें ज़्यादा सुनाई दे रही हैं। ग्लोबल वार्मिंग का एक प्रमुख कारण विश्व में बढ़ता प्रदूषण भी है। इस प्रदूषण का कारण भी विकास व औद्योगीकरण के साथ साथ आम लोगों का ऊँचा होता जा रहा रहन सहन भी है। उदाहरण के तौर पर पक्के मकान,पथरीली व कंक्रीट की फ़र्श तथा परिवार के प्रत्येक सदस्य का अपना वाहन, ए सी आदि प्रत्येक व्यक्ति की ज़रूरतों में शामिल हो गया है।

वास्तविकता तो यह है कि ग्लोबल वार्मिंग और गहराते जा रहे जल संकट के लिए ग़रीब आदमी कम और संपन्न व धनी व्यक्ति ज़्यादा ज़िम्मेदार है। अमीर व्यक्ति ही फ़ौव्वारे से नहाता है,वही अपनी कारों को आए दिन खुले पानी से नहलाता है,उसी को अपनी लॉन की घास व गमलों के रखरखाव के लिए प्रति दिन लाखों लीटर पानी की ज़रूरत होती है। यहाँ तक कि अनेक ग़ैर ज़िम्मेदार धनाढ्य लोग सुबह शाम दोनों समय अपने घर की फ़र्श,गेट तथा घर के सामने की सड़क को भी खुले पानी से नहलाते रहते हैं।दूसरी तरफ़ देश में कई जगहों पर पीने के लिए लोग प्रदूषित व मैला जल इस्तेमाल कर रहे हैं। कई स्थानों से पानी के लिए लड़ाई झगड़ों की ख़बरें भी आती हैं। कई जगह जलस्रोत पर पुलिस का पहरा भी देखा जा चुका है। भूजल स्तर गिरने की वजह से देश के अधिकांश कुँए सूख गए हैं। देश के लाखों तालाब सूख कर मैदान बन चुके हैं।मध्यम वर्ग के वे लोग जो ग्रामीण इलाक़ों में हैंड पम्प का इस्तेमाल कर जल दोहन करते थे या आधे या एक हॉर्स पॉवर की मोटर से घर की छत पर बनी टंकी में पानी इकठ्ठा करते थे,जलस्तर नीचे हो जाने के कारण अब वे भी किसानों की तरह शक्तिशाली सबमर्सिबल पंप लगवा रहे हैं। इससे जलदोहन और भी अधिक तथा और भी तेज़ी से होने लगा है।

भले ही हमें जलसंकट की आहट का एहसास थोड़ा बहुत अब होने लगा हो। वह भी तब जबकि या तो हमारे अपने घरों या खेतों का जलस्तर नीचे चला गया हो या घरों में होने वाली नियमित जलापूर्ति में बाधा पड़ने लगी हो। परन्तु जल पुरुष के नाम से प्रसिद्ध राजेंद्र सिंह को कई दशक पहले ही इसका एहसास हो गया था। उनहोंने बाल्यकाल से ही समाजिक जीवन की शुरुआत करते हुए जल संरक्षण को ही अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित किया। सामुदायिक नेतृत्व के लिए राजेंदर सिंह को रेमन मैग्सेसे पुरस्कार हासिल हुआ और 2015 में उन्होंने स्टॉकहोम जल पुरस्कार जीता। इस पुरस्कार को “पानी के लिए नोबेल पुरस्कार” के रूप में जाना जाता है। राजेन्द्र सिंह के जीवन एवं समर्पित जल संरक्षण के उनके अथक प्रयासों की संघर्षगाथा को फ़िल्म “जलपुरुष की कहानी” नाम से फ़िल्म निर्माता निर्देशक रवीन्द्र चौहान द्वारा बनाया गया।सवाल यह है कि अकेले जलपुरुष राजेंद्र सिंह अथवा उनके कुछ समर्पित साथी या इस प्रकार के थोड़े बहुत लोग भारत जैसे विशाल देश में जल संरक्षण की चुनौती का सामना कैसे कर सकेंगे ?

इस सम्बन्ध में पूरी ईमानदारी से यह देखना चाहिए की सरकारी लापरवाहियों के चलते किस तरह लाखों टूटियां ग़ाएब होने की वजह से रोज़ करोड़ों गैलन साफ़ पानी नाली में बह जाता है। किस प्रकार जल आपूर्ति के बड़े बड़े पाईप से पानी की धार निरंतर चलती रहती है और कोई उनकी मरम्मत नहीं करता। तमाम भूमिगत पाइप लीक करते रहते हैं,ज़मीन पर कीचड़ भी हो जाता है और पानी भी मैला व प्रदूषित हो जाता है परन्तु इनकी मरम्मत जल्दी और समय पर नहीं की जाती। इसके अतिरिक्त देश के सभी सूख चुके तालाबों को पुनर्जीवित करने तथा उनके चारों और पेड़ लगाने की व्यवस्था की जाए। पूरे देश की नदियों के किनारे एक्सप्रेस वे या हाइवे बनाने से ज़्यादा ज़रूरी है कि नदियों के दोनों किनारों पर कम से कम एक किलोमीटर चौड़ाई में घना वृक्षारोपण किया जाए। इसके अलावा जनता को भी पूरी ज़िम्मेदारी से पेश आना ज़रूरी है। हर व्यक्ति स्वयं को राजिंदर सिंह समझे।पानी का कम से काम उपयोग करे। जहाँ कहीं टूंटियों से पानी व्यर्थ बहता नज़र आए उस टूंटी को बंद कर अपने भविष्य के लिए जल सुरक्षित करे। वृक्ष अपने घरों में और दूसरे स्थानों पर लगाए। अब ऐसा लगने लगा है कि जल संकट से हमारे बच्चों को नहीं बल्कि हमारी ही नस्ल को इस संकट से जूझना पड़ेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने “मन की बात ” संबोधन में जल संरक्षण की ज़रूरतों पर बल देते हुए इसकी तुलना स्वच्छता अभियान से भी की। उन्होंने कहा कि मेरा पहला अनुरोध है कि जैसे देशवासियों ने स्वच्छता को एक जनआंदोलन का रूप दे दिया आइये वैसे ही जल संरक्षण की भी शुरुआत करें। प्रधानमंत्री द्वारा स्वच्छता अभियान की तुलना जल संरक्षण से किया जाना मेरे विचार से मुनासिब नहीं है।इस विफल योजना स्वच्छता अभियान का ज़िक्र कर प्रधानमंत्री ने अपनी पीठ थपथपाने की कोशिश की है। इस योजना में सैकड़ों करोड़ रूपये पानी की तरह ख़र्च कर दिए गए। इससे सम्बंधित अनेक सामग्रियां करोड़ों की ख़रीदी गईं परन्तु आज नतीजा यह है की इनमें से अधिकांश सामग्रियां भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयीं। लाखों कूड़ेदान कमज़ोर व घटिया होने के कारण टूट फूट गए या चोरी हो गए। लगभग पूरे देश में प्रायः घटिया लोहे व तीसरे दर्जे की प्लास्टिक की बाल्टियों,कूड़ेदान व स्टैंड आदि का प्रयोग किया गया। दूसरे शहरों छोड़िये स्वयं प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ही आज तमाम ऐसे स्थान हैं जो सरकार के स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ा रहे हैं। लिहाज़ा प्रधानमंत्री का जल संरक्षण की ज़रूरतों को रेखांकित करना तो निश्चित रूप से समय की सबसे बड़ी ज़रुरत है। यह क़दम उन्हें अपने पिछले कार्यकाल में ही उठाना चाहिए था। परन्तु देर आए दुरुस्त आए के तहत अब भी उन्होंने ठीक जन आवाहन किया है परन्तु यदि इसकी ज़रुरत के साथ स्वच्छता अभियान योजना की झूठी तारीफ़ भी जारी रही तो संभव है इसका हश्र भी स्वच्छता अभियान जैसा ही हो। यानि हज़ारों करोड़ रूपये बर्बाद भी हों,झूठी पब्लिसिटी भी की जाए और कूड़े व गंदगी के ढेर वहीँ के वहीँ। यदि जल संरक्षण को भी स्वच्छता अभियान की तरह लूट खसोट का माध्यम बनाया गया और ईमानदारी व पूरी तत्परता से इस दिशा में काम नहीं किया गया तो वह दिन दूर नहीं जब हम बूँद बूँद पानी को तरसेंगे और जिस प्रकार देश के किसी कोने से किसी ग़रीब मज़दूर या किसान के भूखे मरने की ख़बर आती है उसी तरह प्यास से मरने की ख़बरें भी आने लगेंगी।
:-निर्मल रानी

Nirmal Rani (Writer)
1885/2, Ranjit Nagar
Ambala City  134002
Haryana
phone-09729229728

Related Articles

स्मार्ट मीटर योजना: ऊर्जा बचत के दूत बन रहे हैं UP MLA

लखनऊ। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी RDSS (रीवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) ने एक बार फिर अपने उद्देश्य को सार्थक किया है। आम जनता के मन...

EVM से फर्जी वोट डाले जाते है! BSP देश में अब कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी- मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा पहले देश में बैलेट पेपर के जरिए चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करके फर्जी वोट डाले जाते...

Sambhal Jama Masjid Survey- संभल शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान पथराव,हंगामा उपद्रवियों को हिरासत में लिया

Jama Masjid Survey Live: एसपी ने कहा कि उपद्रवियों ने मस्जिक के बाहर उपनिरिक्षकों की गाड़ियों में आग लगाई थी. साथ ही पथराव किया...

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
136,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

स्मार्ट मीटर योजना: ऊर्जा बचत के दूत बन रहे हैं UP MLA

लखनऊ। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी RDSS (रीवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) ने एक बार फिर अपने उद्देश्य को सार्थक किया है। आम जनता के मन...

EVM से फर्जी वोट डाले जाते है! BSP देश में अब कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी- मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा पहले देश में बैलेट पेपर के जरिए चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करके फर्जी वोट डाले जाते...

Sambhal Jama Masjid Survey- संभल शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान पथराव,हंगामा उपद्रवियों को हिरासत में लिया

Jama Masjid Survey Live: एसपी ने कहा कि उपद्रवियों ने मस्जिक के बाहर उपनिरिक्षकों की गाड़ियों में आग लगाई थी. साथ ही पथराव किया...

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...