भोपाल :प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने रविवार को पार्टी जिलाध्यक्षों की बैठक में दो टूक कहा अब दिल्ली-भोपाल नहीं चलेगा। जो भी जिला अध्यक्ष निष्क्रिय होगा उसे हटा दिया जाएगा। आंदोलन को लेकर जिला अध्यक्षों को कहा कि कोई निर्देश या अनुमति का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। जो भी मुद्दें हों तुरंत आंदोलन करें।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में जिलाशहर व ग्रामीण अध्यक्षों की बैठक निर्धारित समय ठीक शाम चार बजे शुरू हुई और सात बजे समाप्त हो गई। कमलनाथ ने हरेक अध्यक्ष से उनके ब्लॉक कमेटियों के बारे में जानकारी पूछी। सूत्रों के मुताबिक ग्वालियर संभाग के आठ में से चार कार्यकारी अध्यक्षों से उन्होंने कहा कि क्या अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाने को तैयार हो?
वहीं, अध्यक्षों को यह भी कहा कि वे संभावित प्रत्याशियों के नामों की सूची भेजें। हम भी सर्वे कराएंगे और केवल जीतने वाले दावेदार को प्रत्याशी बनाएंगे। किसी नेता के आदमी को देखकर टिकट नहीं दिया जाएगा। जनाधार के साथ संगठन वाले व्यक्ति को प्राथमिकता दी जाएगी।
बैठक में कमलनाथ ने कहा कि चुनौती केवल 6-7 महीने की है। हमारा मुकाबला भाजपा संगठन और धन-बल से है। पहले और आज के चुनाव की राजनीति में बहुत अंतर आ गया है। कांग्रेस के लिए यह चुनौती है। सभी को अनुशासन में रहना होगा। पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने जिला अध्यक्षों से सुझाव भी मांगे। बैठक में एआईसीसी से महासचिव व प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने भी जिला अध्यक्षों को पार्टी गाइडलाइन का पालन करने की सलाह दी।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि हमारे पास केवल 150 दिन हैं। सभी को समय कम होने की चिंता करते हुए दिन-रात मेहनत कर सभी वर्गों की मदद करने वाली सरकार बनाने के लक्ष्य को भेदने में जुट जाना चाहिए। बैठक में दोनों प्रभारी सचिव, चारों कार्यकारी अध्यक्ष सहित संगठन प्रभारी प्रशासन राजीव सिंह, मीडिया प्रभारी मानक अग्रवाल, मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा भी शामिल हुए।
बैठक के बाद पत्रकार वार्ता में कमलनाथ ने कहा कि हमारा मुकाबला पीएम नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह या सीएम शिवराज सिंह चौहान से नहीं है बल्कि जनविरोधी भाजपा से है। किसी व्यक्ति विशेष से मुकाबला नहीं है। उन्होंने कहा कि यूपीए के समय किसानों के लिए समर्थन मूल्य बढ़ाने की बात होती थी, लेकिन आज समर्थन मूल्य दिलाने की बात होती है।
कमलनाथ ने पत्रकार वार्ता में कहा कि मेरा कोई कारपोरेट नहीं है। मेरा कोई भी उद्योग नहीं है और न ही किसी कंपनी में मेरे शेयर हैं। मेरा राजनीतिक जीवन खुली किताब है। 40 साल के राजनीतिक जीवन में कोई ऊंगली नहीं उठी है। व्यापमं, सिंहस्थ घोटाले और पीएससी घोटाले से कांग्रेस के पीछे हटने के सवाल पर कहा कि ऐसा नहीं है। हम व्यापमं और अन्य भ्रष्टाचार के मामलों को अंत तक लेकर जाएंगे।