देहरादून : हाईकोर्ट में राष्ट्रपति शासन पर नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस और हरीश रावत सरकार में जश्न का माहौल है। फैसले को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए हरीश रावत ने कहा कि राज्य को लेकर हाईकोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते हुए अदालत का धन्यवाद करते हैं।
पिछले एक महीने में जो कुछ हुआ उससे राज्य का नुकसान हुआ क्योंकि लोकप्रिय बजट पास नहीं हो पाया। लेकिन हम केंद्र से अपील करते हैं कि केंद्र विकास में सहयोग करे तो हम यह घाव और कड़वाहट भूलने को तैयार हैं।
मैं इस फैसले के बाद कहूंगा कि यह राज्य की जनता और हमारे विधायकों की जीत है।
उन्होंने आगे कहा कि हमारा महत्वपूर्ण समय गया लेकिन फैसले ने घावों पर मरहम का काम किया है और में अब सबसे अपील करना चाहता हूं कि यह जश्न का समय नहीं है बल्कि काम का समय है क्योंकि हम पर जिम्मेदारियां बढ़ी हैं। बहुमत को लेकर उन्होंने कहा कि हम विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे।
18 मार्च को बजट पर वोटिंग के दौरान बगावत करने वाले कांग्रेस के 9 बागी विधायकों को जब स्पीकर ने निलंबित कर दिया था तो ये 9 बागी विधायक सदस्यता बहाल करने के लिए हाईकोर्ट चले गए थे. दूसरी तरफ 27 मार्च को केंद्र के राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले को चुनौती देने के लिए 28 मार्च को हरीश रावत कोर्ट गए|
डबल बेंच ने शुक्रवार को राष्ट्रपति शासन हटाने के साथ टिप्पणी की थी कि बागी विधायकों ने संवैधानिक पाप किया है और उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. हालांकि हाईकोर्ट की डबल बेंच ने अपने फैसले में साफ कर दिया था कि उनकी टिप्पणी का उस केस पर असर नहीं पड़ेगा जिसमें हाईकोर्ट की सिंगल बेंच कल नौ बागी विधायकों की सदस्यता पर फैसला करने वाली है. इस तरह हाईकोर्ट के डबल बेंच से मिले फैसले के बाद भी कांग्रेस को मिली जीत अधूरी है क्योंकि बागी विधायकों पर ऐतिहासिक फैसला अभी बाकी है|