वध के लिए मवेशियों की बिक्री पर पाबंदी के मुद्दे पर द्रमुक ने आज भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि ऐसे हालात पैदा हो गए हैं कि ‘‘हमें वही चीजें खानी होंगी जो प्रधानमंत्री चाहते हैं । पाबंदी के खिलाफ द्रमुक की ओर से आयोजित प्रदर्शन की अगुवाई करते हुए पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने चेतावनी दी कि यदि इस मामले पर हालिया अधिसूचना वापस नहीं ली गई तो :जल्लीकट्टू के पक्ष में हुए प्रदर्शन की तरह: ‘‘एक और मरीना क्रांति’’ होगी ।
स्टालिन ने आरोप लगाया कि अपनी तीन साल की नाकामी पर पर्दा डालने के लिए केंद्र सरकार ऐसी अधिसूचनाएं ला रही है । उन्होंने इस मुद्दे पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी की ‘‘चुप्पी’’ पर भी सवाल उठाए । साल 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की ओर से किए गए विभिन्न वादों की याद दिलाते हुए स्टालिन ने कहा कि काला धन वापस लाने और नौकरियां पैदा करने सहित कोई भी वादा पूरा नहीं किया गया है ।
उन्होंने दावा किया, ‘‘लिहाजा, यह पाबंदी, हम क्या खाते हैं उस पर बंदिशें लगाई जा रही हैं । ऐसे हालात पैदा हो गए हैं कि हम वही खा सकते हैं जो मोदी चाहें । संविधान की ओर से दी गई नागरिक स्वतंत्रता की गारंटी छीनी जा रही हैं । आजादी छीनी जा रही है ।
वहीं दूसरी ओर मेघालय में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने मंगलवार को केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि यदि पशुओं की खरीद-फरोख्त पर नए नियम वापस नहीं लिए गए तो वे पार्टी से इस्तीफा दे देंगे। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जॉन एंटोनियस लिंगदोह ने आईएएनएस से कहा, “मेघालय में पार्टी के अधिकतर नेता नए नियम से खुश नहीं है, क्योंकि यह लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को प्रभावित करेगा।
लिंगदोह ने कहा कि पार्टी सदस्यों ने मामले पर सोमवार को गहन विचार-विमर्श किया। पूर्व खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री लिंगदोह ने कहा, हम पशुओं की खरीद-फरोख्त और उनके वध को लेकर जारी किए गए नए आदेश को स्वीकार नहीं कर सकते। हम अपनी खाने-पीने की आदतों के खिलाफ नहीं जा सकते और न ही पशु खरीद-फरोख्त और पशु वध के कारोबार से जुड़े लोगों के आर्थिक हितों को अधर में डाल सकते है।
@एजेंसी