अमेठी: मौसम परिवर्तन के साथ ही तापमान बढ़ने से संक्रामक व जल जनित बीमारियों ने पाव पसारना शुरू कर दिया है। अस्पतालों में डायरिया,टाइफाइड,वायरल फीवर से पीड़ितों की भीड़ बढ़ने लगी है। दूसरी तरफ गर्मी पड़ने के साथ ही सड़कों पर ठेला खोमचा पर शीतल पेय पदार्थों व ठंडे तासीर वाले कटे फटे फलों की बिक्री शुरू हो गई है। इन पदार्थों पर भिनभिनाती मक्खियां तमाम बीमारियों को न्योता दे रही हैं। गर्मियां आते ही वायरल सम्बन्धी रोगों से पीड़ितों की संख्या बढ़ने लगी है। दूषित जल पीने के कारण उल्टी, डायरिया, बुखार आदि बीमारियों की चपेट में लोग तेजी से आ रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में खसरे का प्रकोप भी तेजी से आशंका बढ़ रहा है। फसलों की मड़ाई से निकलने वाले का और धूल से वातावरण का दूषित हो गया है। इसके चलते स्वास रोगियों की हालत बिगड़ रही है दूसरी तरफ गर्मी पड़ने के साथ ही सड़कों पर ठेले खूबसूरत शीतल पेय पदार्थों व ठंडी तासीर वाले कटे फटे फलों की बिक्री शुरू हो गई है। इन पदार्थों पर भन भननाती मक्खियां तमाम बीमारियों को न्यौता दे रही है तपन से व्याकुल राहगीर हलक तर करने के लिए इन दुकानों पर पहुंचकर तमाम संक्रामक रोगों की चपेट में आ रहा है। बीमारियां बेचने वाले इन दुकानदारों के खिलाफ स्वास्थ्य महकमा कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है।
मुसाफिरखाना सी एच सी के डॉक्टर डॉ अभिषेक ने बताया कि अस्पताल में हर दिन आ रहे विभिन्न बीमारियों से पीड़ित मरीजो का उपचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मौसमी और बीमारियों से बचने के लिए सभी संसाधन मौजूद हैं। उन्होंने सलाह दिया है कि दूषित पानी बासी भोजन व सड़े गले फल का सेवन इस मौसम में खतरनाक हो सकता है। जो उलटी दस्त और बुखार से बचने के लिए भोजन करने से पूर्व साबुन से धोने वाले पदार्थों का सेवन ना करें। अस्थमा व स्वास रोगियों को सलाह देते हुए कहा कि वह गर्दा गुबार से बचने के लिए घर से निकलते समय मुंह पर गमछा बांधने तथा मच्छरों से बचाव के लिए शरीर को ढक कर रखे सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। वही जनपद के अधिकांश अस्पतालों में मरीजों तीमारदारों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है। समाजसेवी इकबाल हैदर का कहना है कि सभी सी एच सी व पी एच सी में आर ओ की सुविधा होनी चाहिये जिससे मरीजो व उनके तीमारदारों की शुद्धय जल पीने की मिल सके ।
रिपोर्ट@राम मिश्रा