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भोपाल : वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान पर सक्रिय है। उसके प्रभाव से पूर्वी राजस्थान पर एक प्रेरित चक्रवात बन गया है। एक ऊपरी हवा का चक्रवात उत्तर-मध्य महाराष्ट्र पर बना हुआ है। साथ ही त्रिवेंद्रम से महाराष्ट्र तक एक ट्रफ बना हुआ है। इससे कुछ मात्रा में हवा के साथ नमी आने लगी है। इस वजह से राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर दोपहर तक तो धूप बनी रहती है। इसके बाद आंशिक बादल छाने लगते हैं। तापमान अधिक होने की स्थिति में शाम के समय गरज-चमक की भी स्थिति बनने लगती है। हालांकि आर्द्रता काफी कम होने से अभी बौछारें पड़ने की संभावना कम है। उधर 16 मार्च को एक नया पश्चिमी विक्षोभ भी उत्तर भारत में दाखिल होने जा रहा है। उसके प्रभाव से 17 मार्च से प्रदेश में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बरसात होने की संभावना है। 20 मार्च से एक बार फिर मौसम साफ होने लगेगा।
मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि बादल छंटने पर धूप निकलने से तापमान बढ़ने लगा है। हालांकि विभिन्न स्थानों पर वेदर सिस्टम सक्रिय रहने के कारण हवा का रुख बार-बार बदलने से वातावरण में कुछ नमी भी आ रही है। इससे दोपहर के बाद बादल छाने लगते हैं। तापमान बढ़ा हुआ रहने से शाम के समय बादल छाने लगते हैं। साथ गरज-चमक के हालात भी बन जाते हैं। हालांकि नमी का मात्रा काफी कम होने से अभी बारिश होने की संभावना नहीं है, लेकिन 16 मार्च से एक और पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में दाखिल होने की संभावना है। इसके असर से 17 मार्च से वातावरण में नमी बढ़ने लगेगी। इससे प्रदेश में कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ हल्की बरसात होने की संभावना है। रुक-रुक कर बारिश का सिलसिला 19 मार्च तक बना रह सकता है। 20 मार्च से मौसम साफ होने लगेगा। इससे एक बार फिर तापमान में इजाफा होने लगेगा।