इंदौर : रेलवे के पास कोच है, इंजन है, लेकिन कोरोना के कारण ट्रेन नहीं चल पा रही है। अभी रतलाम मंडल से केवल 145 ट्रेनें ही चल पा रही है। आने वाले दिनों में सात ट्रेनें और शुरू होंगी। कोरोना के कारण ट्रेन नहीं चलने से पश्चिम रेलवे को पांच हजार करोड़ रुपये सालाना का नुकसान हो रहा है। जो ट्रेन चल रही है उसमें भी कुछ ट्रेनों में 1200 सीटों में से केवल 10 प्रतिशत तक सीटें भर पा रही हैं क्योंकि लोग यात्रा करने में डर रहे हैं।
यह कहना है पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल का। वे मंगलवार को इंदौर-देवास-उज्जैन-रतलाम खंड का निरीक्षण करने के लिए इंदौर आए थे। यहां पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पश्चिम रेलवे की मुख्य आमदनी गुड्स (पार्सल) और पैसेंजर ट्रैफिक से होती है। इसमें गुड्स ट्रैफिक से 10 हजार कराेड रुपये और यात्री किराए से पांच हजार करोड़ की आय होती है, लेकिन यात्री ट्रेनें बंद होने से पांच हजार करोड़ का नुकसान हम भुगत रहे हैं, देश भुगत रहा है। हमने कुछ ट्रेनें कभी बंद नहीं की क्योंकि उसमें फर्टिलाइजर, फूड, कोयला, दवाई, दूध जाता है।
पहली किसान रेल लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन से शुरू की है। स्पेशल ट्रेनों में ज्यादा किराया लेने की बात पर उन्होंने कहा कि स्पेशल ट्रेन छोटे स्टेशन पर नहीं रूक रही, उनकी गति भी ज्यादा है और केवल आरक्षित टिकट ही मिल रहे हैं। इसके लिए अगर मामूली किराया बढ़ा लिया गया तो इसमें कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। 50 प्रतिशत तक यात्री ट्रेन फिर से शुरू हो गई है।
इंदौर से अजमेर के लिए जल्द ही ट्रेन
इससे पहले जीएम ने स्टेशन की पार्किंग के पास एक शौचालय का शुभारंभ किया। इस अवसर पर सांसद शंकर लालवानी भी मौजूद थे। बाद में शहर काजी इशरत अली ने उनसे मुलाकात की और एक ज्ञापन देकर इंदौर-अजमेर ट्रेन चलाने की मांग की। उन्होंने ज्ञापन में लिखा इंदौर से अजमेर के लिए पहले आठ ट्रेनें चलती थी जो गेज परिवर्तन के कारण बंद हो गई हैं। अजमेर जाने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जीएम ने जल्द ट्रेन चलाने का आश्वासन दिया है। इंदौर-महू रेल यात्री महासंघ के संयोजन अनिल ढोली ने भी जीएम से मुलाकात कर डेमू ट्रेन के समय में बदलाव करने और उसे आरक्षित रूप में नहीं चलाने की मांग की। जीएम से मिलने कुछ कांग्रेसी भी पहुंचे थे। जिन्हें आरपीएफ ने रोक दिया, तो कांग्रेसियों ने हंगामा किया।