नई दिल्ली : केंद्र सरकार से अपनी मांगों को लेकर वार्ता असफल रहने के बाद अब बड़ी संख्या में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों ने दिल्ली के लिए कूच कर दिया है। पुलिस ने उन्हें दिल्ली-यूपी सीमा पर रोक लिया। इसके बाद भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी हुई है। शनिवार को किसान दिल्ली के किसान घाट पहुंच रहे हैं, जहां पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की समाधि है। कर्ज की माफी, गन्ना बकाये का 14 दिनों में भुगतान, बिजली के रेट में कमी, बच्चों की पहली से आठवीं तक मुफ्त शिक्षा, स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट लागू करने और पश्चिम यूपी में अलग से हाई कोर्ट की बेंच के गठन समेत किसान 15 मांगों पर अड़े हुए हैं।
आंदोलन के लिए दिल्ली पहुंचने वालों में नोएडा, गाजियाबाद समेत सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बागपत, बिजनौर और हापुड़ के भी सैकड़ों किसान शामिल हैं। सहारनपुर के तलाफरा गांव के रहने वाले किसान रमेश कुमार ने बताया कि उनके ऊपर 3 लाख रुपये का कर्ज है। उन्होंने कहा, ‘लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी ने किसानों के सारे कर्जे माफ करने की बात कही थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हमें यह भी बताया गया कि 14 दिनों के अंदर ही गन्ने का भुगतान कर दिया जाएगा, लेकिन फरवरी से अब तक तमाम मिलों ने पेमेंट लटका रखी है।’
किसानों के गुस्से की एक वजह यूपी में बिजली की दरों में हुआ इजाफा भी है। प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि यदि एक दिन की भी देरी होती है तो हमें जुर्माना अदा करना पड़ता है। मुजफ्फरनगर के भमेड़ा गांव के रहने वाले मुकेश राणा ने कहा कि उनके गांव में ऐसे 6 लोगों के खिलाफ केस तक दर्ज किया गया, जो समय पर बिजली बिल की अदायगी नहीं कर सके।
इस बीच यूपी सरकार ने शुगर मिलों को आदेश दिया है कि वे 31 अक्टूबर तक किसानों के बकाये की सारी रकम अदा करें। प्रदेश सरकार के मंत्री सुरेश राणा ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि ऐसा न करने वालों के खिलाफ कड़ा ऐक्शन लिया जाएगा। बता दें कि बुधवार को ही इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सरकार को किसानों के गन्ना बकाये को अदा करने का आदेश दिया था।
Delhi: Heavy traffic at Ghazipur flyover near Delhi-UP border, due to Uttar Pradesh farmers’ protest march. The farmers are protesting over payment of sugarcane crop dues & demanding full loan waiver, among other things. pic.twitter.com/oCMuVJwu7b
— ANI (@ANI) September 21, 2019