नई दिल्ली- मोदी सरकार ने हर आदमी का बैंक खाता खुलवाने के लिए जन-धन योजना शुरू की थी। लाखों लोगों ने इसका फायदा उठाया। बावजूद इसके आबादी के एक बड़े हिस्से में लोगों के बैंक खाते नहीं है।
वहीं, कई लोग ऐसे हैं, जिनके एक से अधिक बैंक खाते हैं। नोटबंदी के बाद ऐसे लोगों को बड़ी राहत मिली। कारण, जब सरकार ने हर एटीएम से 2500 रुपए निकालने की लिमिट तय कर दी, तो जिनके दो से तीन खाते थे वे एक बार में 5000, 7500 रुपए तक निकाल पा रहे थे।
ऐसे में यह बेहद अहम है कि यदि आपके भी कई सेविंग अकाउंट हैं, तो आपको उनके फायदे और नुकसान के बारे में पता होना चाहिए। जानिए इसके बारे में…
मल्टीपल अकाउंट के फायदे
एटीएम से ज्यादा धन निकासी- सभी बचत खातों से दैनिक एटीएम निकासी की सीमा होती है। ऐसे में कई बचत खाते होने से आप ज्यादा धन निकाल सकते हैं। अधिकांश बचत खातों एक महीने में मुफ्त एटीएम लेन-देन की संख्या भी तय रखते हैं, उससे ज्यादा होने पर चार्ज लगता है। ऐसे में कई बचत खातों के बीच अपने एटीएम लेन-देन से नकद निकासी कर इसे बचा सकते हैं।
अगर कोई बैंक कम ब्याज ऑफर कर रहा है तो आप अपने पैसे को दूसरे बैंक में ट्रांसफर कर अधिक ब्याज ले सकते हैं। कई बैंक अपने अकाउंट होल्डर को आकर्षक सालाना प्रीमियम पर पर्सनल एक्सीडेंट कवर भी देते हैं। मल्टीपल अकाउंट होने से चेक बुक की संख्या बढ़ जाती है।
इसके साथ ही बैंक अपने अकाउंट होल्डर को क्रेडिट कार्ड ऑफर करते हैं। आपके पास एक से अधिक क्रेडिट कार्ड सलेक्ट करने का ऑप्शन होता है।
मल्टीपल बैंक अकाउंट के नुकसान
मल्टीपल बैंक अकाउंट होने से प्रत्येक अकाउंट पर आपको सालाना मेंटनेंस फीस और सर्विस चार्ज देने होते हैं। मल्टीपल बैंक अकाउंट होने से ऑनलाइन बैंकिंग करने के लिए सभी का आईडी, पासवर्ड याद रखना मुश्किल काम होता है।
एटीएम का इस्तेमाल करने के लिए पिन याद रखना भी काफी कठिन होता है। मल्टीपल बैंक अकाउंट का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि डेबिट कार्ड या अकाउंट पासवर्ड भूल जाने पर इसको रिकवर करना मुश्किल होता है।
मैनेज करने का सही तरीका
आप जिन अकाउंट को यूज नहीं कर रहे हैं, उनको बंद करा दें। मल्टीपल बैंक अकाउंट को सही तरीके से मैनेज करने के लिए सभी अकाउंट से जुड़ी जानकारियों को कहीं लिख लें। किस अकाउंट का इस्तेमाल, किस काम के लिए करते हैं, उसे भी लिख लें। कभी भी सभी अकाउंट्स को मिक्स नहीं करें।
जैसे म्यूचुअल फंड, बीमा उत्पादों, बॉन्ड और इक्विटी शेयरों की खरीद के लिए भुगतान के लिए एक खाता बना लें। बिल का भुगतान किसी दूसरे खाते से करें। अपने दैनिक खर्चों को पूरा करने के लिए अपने वेतन खाते का उपयोग करें।
ऑनलाइन भुगतान करने के लिए जिस खाते का इस्तेमाल करते हैं, उसमें ज्यादा पैसे नहीं रखें। फ्रॉड होने की स्थिति में नुकसान को कम करने का यह कारगर तरीका है। [एजेंसी]