आज के समाज में सभी को ये अधिकार है कि वे अपनी जिंदगी अपनें हिसाब से जी सकें। जीने का अंदाज वक्त के साथ साथ बदला है। लेकिन जो वक्त के साथ नहीं बदला है वे है स्त्री पर होने वाले अत्याचार। बात करें पुरानें दौर की तो वर्तमान से ज्यादा वैदिक काल में स्त्री की छवि को बड़े सम्मानित रुप में देखा जाता था। स्त्री के प्रति आदर, सम्मान का भाव रखा जाता था। लेकिन समय के स्त्री के प्रति ये सम्मान, आदर हैवस में बदल चुका है। स्त्री को एक ही नजरिये से देखा जाता है।
देश में बलात्कार और छेड़छाड़ जैसे मामले दिन पे दिन बढ़ते जा रहे है। नेता राजनेता और समाज के कई संगठन इन मामलों पर कई तरह के बयानबाजी देते नजर आते है। रेप के जितनें भी कारण हो उनमें सबसे अहम होता है अपराधी दो दी जाने वाली सजा। और उससे भी ज्यादा विचारणीय मुद्दा है अपराधी को मिलनें वाली सजा का कम होना। भारत में ये अहम है।
कई मामलों में इस संगीन जुर्म में कई आरोपियो को सजा कम की है। भारत ही नहीं दुनिया में महिलाओं पर यौन हिंसा के मामले दिनो दिन बढ़ते जा रहे है। क्या दुनिया में रेप जैसे संघीन जुर्म के लिए सजा। आइए हम आपको बताते है।
सऊदी अरब- सऊदी अरब पूरी दुनिया में अपनी कठोर सजा के लिए प्रसिध्द है। यहां रेप करनें पर अपराधी को मौत की सजा देने का प्रावधान है, इसी के साथ यहां जुर्म को साबित करना भी काफी जटिल है। अगर आरोप झूठा निकलता है तो यहां उस पक्ष के लिए भी सजा का प्रावधान है जिसने आरोप लगाया है।
स्वीडन- इस देश में अगर आप जबरदस्ती किसी के कपड़े उतारते है तो आपको दो साल की सजा हो सकती है। यहां रेप की व्याख्या को काफी विस्तृत बनाया गया है। सोते समय या नशे की हालात में किसी के साथ बनाए गए यौन संबध को भी रेप की श्रेणी में रखा जाता है।
भारत- भारत में आए दिन रेप की वारदाते बढ़ती जा रही है। वर्तमान में रेप के लिए 7 साल से लेकर उम्रकैद का प्रावधान है। कुछ विशेष मामलों में जैसे कि रिश्तेदार या अध्यापक द्वारा पुलिस कस्टडी में रेप होने पर 10 साल से उम्रकैद का प्रावधान है। रेप की घटना के दौरान अगर पीड़ित की मौत हो जाती है तो अपराधी पर मौत का केस भी चलता है। जहां उसे सजा-ए-मौत भी दी जा सकती है।
अमेरिका- अमेरिका देश में रेप के लिए राज्यों के मुताबिक अलग अलग कानून है। यहां आरोप साबित होने पर आरोपी को 10 साल से लेकर आजीवन कारावास की सज,दी जाती है। अमेरिकी समाज में संबध बनाने से पहले पार्टनर की सहमति लेने पर ज्यादा जोर दिया जाता है।
फ्रांस- इस देश में यौन हिंसाओं को लेकर काफी जागरुकता को देखते हुए कानून में अनेक प्रावधान किए गए है। यहां किसी को गाली देने पर भी दो साल की सजा दी जाती है। रेप जैसे मामले में यहां 20 साल तक की सजा हो सकती है।
स्विट्जरलैंड- इस देश में 2014 में पति द्दारा पत्नी से संबध बनाने को भी रेप की कैटेगरी में डाला गया है, यहां संबध पूर्णतया बनाये जाने पर भी रेप पर ही रेप माना जाता है। यहां यौन हिंसाओं के लिए 10 साल तक की सजा का प्रावधान है।
इटली- देश में रेप के बढ़ते मामलों को देखते हुए वर्ष 1996 में कानून में काफी बदलाव किए गए। यहां पत्नी के साथ जबरदस्ती यौन संबध बनाना भी रेप की श्रेणी में आता है। जिसके लिए 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है।
जर्मनी- इस यूरोपियन देश में कुछ समय पहले ही सहमति के बिना अंगो को छूने, टटोलनें औ दबोचने को यौन हिंसा में शामिल किया गया है। लेकिन यहां अगर रेप करते समय कोई विरोध नहीं किया जाए तो उसे रेप की कैटेगरी में शामिल नहीं किया जाता है। [एजेंसी]