उनकी कहानियां, उनके किस्से, कृतियाँ, पात्र… लोग जन्मों तक याद रखते है. उन्हें अत्तित के पन्नो में खोजते है. मिशालें देते है. उन्हें याद करते हुए एक अनजाने कल्पना लोक में डूब जाया करते हैं. आइये ऐसी ही लेखिका से आपको रूबरू करवाते है…
आज ही के दिन (15 सितम्बर 1890 ) को अगाथा क्रिस्टी का जन्म हुआ था. आज उनकी जयंती है. जासूसी लेखन की दुनिया में इससे बड़ा नाम कोई और नहीं है. इनकी लेखनी का लोहा और ख्याति का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है की बाईबल और सेक्सपिअर की रचनाओं के बाद विश्व में सबसे ज्यादा बिकने वाली किताबे इनकी ही है. उनके उपन्यासों की दो अरब से ज्यादा प्रतियाँ बिक चुकी हैं. ये सबसे ज्यादा भाषाओँ में अनुवादित होने वाली लेखिका है. इनके उपन्यास 103 भाषाओँ में अनुवादित हुए है. दर्जनों जासूसी फिल्मों और टीवी कहानियों की ये आधार रही है.
उनके उपन्यास का एक काल्पनिक चरित्र हरकूल पायरो इतना जीवंत हो गया की एक कथा’कर्टेन्स: पायरोज लास्ट केस’ में जब उन्होंने उस पात्र के मौत की कहानी लिखी तो लोगो को विश्वास ही नहीं हुआ. अमेरिका के न्यू यॉर्क टाइम्स ने पायरो के मौत की खबर तक छापी.
आपको याद होगा मनोज कुमार, नंदा, प्राण, हेलेन, महमूद, मदन मोहन द्वारा अभिनीत और 1965 में बनी सुपर डुपर हिट फिल्म…. गुमनाम. इसका एक गाना जिसे लता मंगेशकर ने गया है “गुमनाम है कोई” लोग आज भी गुनगुनाते है. यह फिल्म अगाथा क्रिस्टी के नावेल “एंड देन देअर वेअर नन” पर ही आधारित थी.
अगाथा क्रिस्टी का जन्म ब्रिटेन के टॉर्की शहर में हुआ था. उनके बचपन का नाम अगाथा मेरी क्लैरीसा मिलर था. उनके पिता एक अमेरिकी और माता ब्रितानी थीं. उनके बचपन की पढाई घर पे ही हुई. वह कुशाग्र बुद्धि की थीं. उन्होंने दो शादियां की. पहली 1914 में और दूसरी 1930 में. उनके दुसरे पति ब्रिटेन के मशहुर पुरातत्त्वविदसर मैक्स मैलोवैन थे .
उन्होंने पहला उपन्यास ‘द़ मिस्टीरियस अफ़ैर ऍट स्टाइल्स’1916 में लिखा.इसके बाद उन्होंने लगातारएक के बाद एक 66 जासूसी उपन्यास और 15 कहानी संग्रहलिखा. इसके अलावा मेरी वेस्टमाकोट उपनाम से उन्होंने छह रोमांटिक उपन्यास भी लिखा. उन्होंने नाटक भी लिखे. दुनिया में सबसे ज्यादा प्रदर्शन का रिकॉर्ड बनाने वाले ‘द माउसट्रैप’ के अलावा ‘द हॉलो’ और ‘वर्डिक्ट’ उनके अन्य मशहूर नाटक हैं.
:- कमल किशोर उपाध्याय
लेखक परिचय :-
कमल किशोर उपाध्याय : माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय के विस्तार परिसर कर्मवीर विद्यापीठ में अतिथि व्यख्याता के तौर पर कार्यरत है । साथ ही पत्रकारिता से लम्बे समय से जुड़ कर विभिन्न सस्थानों में भी सेवा दे चुके है । और वर्तमान में असम विश्वविद्यालय से शोधार्थी है ।