राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि जब गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा बन सकती है, तो अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए कानून पारित क्यों नहीं हो सकता।
आरएसएस के वरिष्ठ नेता दत्तात्रेय होसबाले ने मुंबई में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक अलग पीठ का गठन किया है, जो अयोध्या में जमीन के मालिकाना हक मामले की सुनवाई कर रही है, लेकिन इस लंबित मुद्दे पर अब तक कोई फैसला नहीं किया गया है।
संघ के सह-सरकार्यवाह होसबाले ने सवाल किया, ‘अगर (गुजरात में) नर्मदा नदी के तट पर सरदार पटेल की प्रतिमा बन सकती है तो भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए कोई कानून पारित क्यों नहीं हो सकता?’
उन्होंने विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) और कुछ क्षेत्रीय धार्मिक संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से आयेाजित एक सभा को यहां संबोधित किया, जिसका आयोजन राम मंदिर के जल्द से जल्द निर्माण के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के मकसद से किया गया था।
होसबोले ने साथ ही कहा, ‘पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष तब कहा था कि अगर पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को मंदिर के अवशेष मिलते हैं, तो वह जमीन मंदिर के लिए दे दी जाएगी।
पुरातत्व विभाग की खुदाई में वहां मंदिर के अवशेष मिले हैं, लेकिन अब कोर्ट का कहना है कि यह मामला उनकी प्राथमिकता में नहीं है।’
बता दें कि बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि जमीन विवाद से जुड़े केस पर 29 अक्टूबर को सुनवाई करते हुए इसे अगले साल जनवरी तक के मुल्तवी कर दिया था।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने तब कहा था कि यह केस उनकी प्राथमिकता में नहीं है और उचित बेंच ही इस केस की सुनवाई की तारीक तय करेगा।