नई दिल्ली : जेएनयू में छात्रों पर हिंसा के खिलाफ एकजुटता के लिए मुंबई में बुलाए प्रदर्शन में ‘फ्री कश्मीर’ का पोस्टर लहराने वाली महक मिर्जा प्रभु इन दिनों चर्चा में हैं। उनके इस पोस्टर के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मुंबई ही नहीं देश के दूसरों हिस्सों से भी नेताओं के बयान आए हैं। विवाद के बाद महक ने कहा है कि इस इस पोस्टर का मकसद कश्मीर में इंटरनेट पर लगाई पांबदी के खिलाफ प्रदर्शन था और कुछ नहीं, ऐसे में इसका गलत मतलब ना निकालें। महक की सफाई के बावजूद इस पर सियासत गर्माई हुई है। आइए, जानिए कौन हैं महक मिर्जा प्रभु।
मुंबई की रहने वाली महक मिर्जा प्रभु पेशे से स्टोरीटेलर, लेखक और स्टेज प्रफॉर्मर हैं। का पूरा नाम महक मिर्जा प्रभु है। 36 साल की महक स्टोरीटेलर के साथ-साथ ब्लॉगर भी हैं। उनके वीडियो यूट्यूब और सोशल मीडिया पर पसंद किए जाते रहे हैं। महक का वीडियो ‘अम्मी का मोबाइल फोन’, ‘फिर मोहब्बत करनी है’ सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। महक टेड टॉक्स पर भी नजर आ चुकी हैं।
महक एक स्टोरी टेलिंग का ऑनलाइन स्कूल चलाती हैं, जिसका नाम झुमरीतलैया है। जिसके जरिए वो नए लोगों को सिखाती हैं कि कैसे एक कहानी को लोगों के सामने कहा जाए। वो एक वर्ग में पहले से ही सोशल मीडिया पर वायरल हैं। हालांकि अब वो अपने फ्री कश्मीर के प्लेकार्ड को लेकर चर्चा में हैं।
मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन के दौरान फ्री कश्मीर का पोस्टर लहराने पर जहां पुलिस ने जांच की बात कही है, वहीं उन्होंने इस पर सफाई दी है। महक ने कहा है कि ये पोस्टर मैंने कश्मीर में इंटरनेट और मोबाइल सेवा पर पाबंदी के खिलाफ उठाया था। महक ने कहा है कि उनके इस पोस्टर को लेकर गलत मतलब निकाले जा रहे हैं। वो कश्मीर को भारत से अलग करने की बात नहीं कर रही थीं। उन्होंने कहा कि अगर किसी को दुख पहुंचा तो वो माफी मांगती हैं।