डेविड ने कहा है कि मैं चाहता हूं कि इस आकलन में गलत साबित हो जाऊं लेकिन देश अभी से काफी ढील दे रहे हैं जो खतरनाक साबित हो सकता है। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र एड्स एजेंसी ने चेतावनी दी कि महामारी से विकासशील देशों में एड्स की दवा की आपूर्ति बाधित हो सकती है।
दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की संख्या 90 लाख के पार पहुंच गई है। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक अब तक इस महामारी से चार लाख 69 हज़ार लोगों की मौत हो चुकी है। सिर्फ अमेरिका में 22 लाख 91 हज़ार से ज़्यादा लोग संक्रमित हैं जबकि वहां एक लाख 20 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है।
उधर कई देशों के कोरोना की वैक्सीन बनाने के दावों के बीच वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने चेतावनी दी है कि अगर इस साल कोविड-19 की वैक्सीन बन भी जाती है तो उसे लोगों तक पहुंचने में ढाई साल से ज्यादा का वक़्त लग सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अभी तक कोई भी ऐसी वैक्सीन नहीं बनी है जिसे कोरोना वायरस वैक्सीन का नाम दिया जा सके।
WHO के विशेष दूत डॉ डेविड नाबारो ने चेतावनी दी है कि दुनिया में सभी तक टीका पहुंचने में ढाई साल से भी ज्यादा का समय लग सकता है।
ब्रिटिश चिकित्सक ने कहा कि अगर साल के अंत तक टीका आ भी जाता है तो सुरक्षा और प्रभाव जांचने के लिए कुछ समय लगेगा।
डेविड के मुताबिक देशों को वैक्सीन के उत्पादन का भी इंतजाम करना शुरू कर देना चाहिए क्योंकि बड़ी जनसँख्या वाले देशों में वितरण काफी मुश्किल काम है।
डेविड ने खासकर बड़ी जनसंख्या वाले देशों जैसे भारत-ब्राजील को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के लिए कहा है।
डेविड ने कहा है कि मैं चाहता हूं कि इस आकलन में गलत साबित हो जाऊं लेकिन देश अभी से काफी ढील दे रहे हैं जो खतरनाक साबित हो सकता है। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र एड्स एजेंसी ने चेतावनी दी कि महामारी से विकासशील देशों में एड्स की दवा की आपूर्ति बाधित हो सकती है।
एजेंसी ने कहा, कोरोना वायरस की महामारी को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन और सीमा को बंद करने के फैसले से दवाओं के उत्पादन और वितरण दोनों प्रभावित हो रहे हैं, जिससे अगले दो महीनों में दवा की कीमत में वृद्धि और कमी दोनों हो सकती है।
डेक्सामेथासोन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने कहा कि इसका उपयोग केवल क्लिनिकल सुपरविजन में कोरोना वायरस के गंभीर रोगियों के ऊपर ही किया जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि इस बात के सबूत नहीं हैं कि यह दवा हल्के रोगियों को कोरोना वायरस से मुक्त कर सकती है, बल्कि इससे नुकसान हो सकता है।
बता दें कि अमेरिका के बाद ब्राज़ील में कोरोना के 10 लाख 83 हज़ार से ज़्यादा मामले हैं, जबकि वहां मरने वाले लोगों की संख्या 50 हज़ार से ज़्यादा हो चुकी है।
रूस में पांच लाख 91 हज़ार लोग कोरोना से संक्रमित हैं, हालांकि यहां अब तक इस महामारी से ज़्यादा मौतें नहीं हुई हैं। फिर रूस में आठ हज़ार से ज़्यादा कोरोना संक्रमित की मौत हुई है।
संक्रमित लोगों की संख्या के लिहाज से भारत चौथे पायदान पर है। भारत में चार लाख 25 हज़ार से ज़्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि यहां अब तक 13 हज़ार छह सौ से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है।