उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला। अखिलेश ने कहा कि जो भी पत्रकार बीजेपी के खिलाफ लिखेंगे, वह सुरक्षित नहीं हैं। कुशीनगर में आयोजित एक सार्वजनिक सभा में अखिलेश ने कहा, एक तरफ तो आप डिजिटल इंडिया की बात कर रहे हो और अगर कोई पत्रकार आपके खिलाफ लिख दे तो उसकी जान चली जाती है।
पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या का उदाहरण देते हुए अखिलेश यादव ने लिखा, बेंगलुरु की एक महिला पत्रकार ने भी बीजेपी के खिलाफ लिख दिया था…उसकी जान ले ली। 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को हराने के लिए अन्य विपक्षी पार्टियों से गठबंधन का भी अखिलेश यादव ने संकेत दिया। फिलहाल यूपी में गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, क्योंकि गोरखपुर से सांसद और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व फूलपुर के सांसद और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए चुन लिए गए हैं।
गौरी लंकेश की 5 सितंबर की रात 3 अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। गौरी लोकप्रिय कन्नड़ टेबलॉयड ‘लंकेश पत्रिके’ की संपादक थीं। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के खिलाफ एक रिपोर्ट प्रकाशित करने को लेकर उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था।
नवंबर 2016 में इस मामले में उन्हें छह माह जेल की सजा हुई थी। उनकी हत्या के बाद बीजेपी को विपक्ष ने आड़े हाथों लिया था। कांग्रेस ने कहा था कि आम नागरिक की आवाज को दबाना व असंतुष्ट को खामोश कर देना मोदी सरकार के न्यू इंडिया का नारा है। पार्टी ने कहा था कि भारत अभिव्यक्ति की आजादी के पैरोकारों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस सरकार के बीच हिंसक संघर्ष के कारण कराह रहा है, जो असंतुष्ट को चुप करने और लोकतंत्र का गला घोंटने पर आमादा है।
वहीं 9 सितंबर को गौरी की मौत की जांच के बारे में जानकारी के लिए उनके परिवार ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से उनके आवास पर मुलाकात की। सिद्धारमैया ने ट्वीट कर कहा था, “गौरी लंकेश की मां इंद्राणी लंकेश ने मुझसे मुलाकात की, मैंने उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार जल्द ही गौरी लंकेश के कातिल का पता लगाकर उन्हें इंसाफ दिलाएगी।”