पटाखों पर लगे प्रतिबंध को लेकर त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने दिवाली पर पटाखे फोड़ने का समर्थन करते हुए कहा है कि दिवाली पर पटाखों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर जंग छिड़ जाती है। लेकिन सुबह साढ़े चार बजे होने वाली अजान पर कोई बात नहीं होती।
मंगलवार को उन्होंने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट टि्वटर पर लिखा कि हर बार दिवाली पर पटाखों से फैलने वाले ध्वनि प्रदूषण को लेकर जंग छिड़ जाती है। साल के सिर्फ कुछ दिनों तक। लेकिन सुबह साढ़े चार बजे लाउडस्पीकर पर होने वाली अजान को लेकर कोई बहस नहीं होती।
अगले ट्वीट में उन्होंने यह भी कहा कि अजान से फैलने वाले ध्वनि प्रदूषण पर सेक्युलर लोगों का चुप रहना उन्हें हैरान करता है। उन्होंने आगे बताया कि कुरान या हदीस नहीं कहते कि लाउडस्पीकर के जरिए अजान पढ़ी या पढ़ाई जाए। मुअज्जिन मीनारों से अजान को चिल्ला कर पढ़ते हैं, जिसके लिए मीनारें बनी हैं। लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल इस तरह से इस्लाम का विरोध करता है।
रॉय का यह बयान तब आया है, जब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर इलाके में दिवाली पर वायु और ध्वनि प्रदूषण के मद्देनजर पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था। कोर्ट का कहना था कि ऐसा कर के दोनों ही जगहों पर वायु की गुणवत्ता मापी जाएगी। यह पहला मौका नहीं है, जब किसी ने मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर को लेकर अपनी राय जाहिर की हो। बॉलीवुड के जाने-माने गायक सोनू निगम ने इसी साल अप्रैल में मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकरों को लेकर विवादित बयान दिया था, जिसके बाद वह आलोचना का शिकार हुए थे।
उधर, प्रतिबंध के विरोध में एक हिंदू संगठन ने दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के बाहर मंगलवार शाम पटाखे फोड़कर विरोध प्रदर्शन किया था। पुलिस ने इसके बाद तीन महिलाओं समेत 14 लोगों को हिरासत में लिया था, जिन्होंने खुद को आजाद हिंद फौज नाम के संगठन से होने का दावा किया था।