पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव का पहला चरण शुरू होने में अब 20 दिन से भी कम समय बाकी है. इस बीच तृणमूल कांग्रेस की लीडर और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बंगाल में जमीन तलाश रही भाजपा के बीच कड़ी टक्कर के कयास लग रहे हैं. हालांकि ममता बनर्जी पर यकीन करने वालों का एक बड़ा तबका है, जो आमतौर पर उनकी व्यक्तिगत खूबियों का बड़े यकीन से बखान करता है. मिसाल के तौर पर CM हमेशा सफेद साड़ी और हवाई चप्पल में दिखती हैं.
ममता लगभग हमेशा ही नीली किनारी वाली सफेद साड़ी और हवाई चप्पल में ही दिखाई देती हैं. खबरों के मुताबिक ममता बनर्जी के पास जरूरत के हिसाब से ही कपड़े हैं. वो ज्यादा कपड़े जमा करने में भी यकीन नहीं करतीं. इसका कारण ममता का सादगीभरा जीवन ही नहीं, बल्कि बचपन में झेली आर्थिक तंगी भी बताया जाता है. दरअसल वे जब 9 साल की थीं, तभी उनके पिता का निधन हो गया. इसके बाद ममता और उनके परिवार के कई सारी आर्थिक मुश्किलें देखीं. राजनीति में आने के बाद लंबे समय तक ममता के समर्थक इस बारे में बात करते रहे थे. वैसे ममता सफेद साड़ियों पर एकरंगी बॉर्डर वाली जो साड़ियां पहनती हैं, वो बंगाल के ही धानेखाली इलाके की बनी होती हैं. इन साड़ियों की खासियत है कि ये वहां के चिपचिपाहट-भरे मौसम में भी हल्की और आरामदेह होती है.
ममता बनर्जी के जमीन से जुड़ा होने का एक और प्रमाण ये भी दिया जाता है कि दूसरे राजनेताओं से अलग उनके घर पर आने वाले मेहमानों को शाही भोजन की बजाए, स्थानीय खाना ही परोसा जाता रहा. अक्सर उनके घर आने वालों के सामने चाय और मुरमरे का नाश्ता पेश किया जाता है. खुद ममता बंगाल के खाने से अलग बगैर तेल-मसाले वाला खाना पसंद करती हैं. समर्थकों के बीच ‘दीदी’ के नाम से मशहूर ममता ऐसी कई वजहों से अपनी सादगी को लेकर जानी जाती हैं. वैसे ममता की एक और पहचान उन्हें अलग कतार में खड़ी करती है, वो है उनकी तेज चाल. हवाई चप्पल पहने हुए ममता अक्सर लंबी-लंबी पदयात्राएं करती हैं. जैसे हाल ही में प्रचार के दौरान उन्होंने पदयात्रा का आयोजन करवाया. अपनी सूती साड़ी और फ्लैट ही चप्पल में वे रैलियों में सबसे आगे तेज और सधे कदमों से चलती हैं, जो कि उन्हें आत्मविश्वासी और महत्वाकांक्षी दिखाता है. यही नहीं ममता बनर्जी जब घर से दफ्तर या फिर दूसरी जगहों पर जाती हैं तो उनके साथ गाड़ियों का लंबा-चौड़े काफिला भी दिखाई नहीं देता है.
दक्षिण कोलकाता में ममता का पैतृत निवास हरीश चटर्जी स्ट्रीट में है. यहां का मकान काफी तंग हालत में है और बारिश के दिनों में सड़क पर अक्सर पानी भर जाता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे समय में कई बार सड़कों पर रखी ईंटों को पार करते हुए ममता को अपने घर में प्रवेश करते देखा गया. सेंट्रल रेलवे में मंत्री रहने के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक बार उनके इस घर गए थे और वहां की हालत देखकर हैरान रह गए थे.
लंबे संघर्ष के बाद जिस तरह उन्होंने बंगाल से वामपंथी सरकार को उखाड़ फेंका, उनकी छवि एक मजबूत इरादों और कभी हार न मानने वाली महिला की बनी. वैसे राजनीति में बेहद मुखर ममता के निजी जीवन को लेकर लोग काफी उत्सुक रहते हैं. खासकर साल 2019 में पश्चिम बंगाल और केंद्र के बीच सीबीआई को लेकर हुए घमासान के बाद गूगल पर ममता बनर्जी से जुड़े कई सवाल खूब सर्च हुए.
एक बात लगातार उनकी शादी को लेकर पूछी गई कि आखिर उन्होंने शादी क्यों नहीं की. उनके बारे में यह सवाल बार-बार उठता है कि ममता बनर्जी ने कभी शादी क्यों नहीं की? दरअसल स्वभाव से बागी ममता सामाजिक परंपराओं की विरोधी भी हैं. शादी में एक औरत की स्थिति से उनका इत्तेफाक नहीं था और उन्होंने जीवन भर समाज सेवा का भी वचन लिया था. बाद में समाजसेवा के लिए उन्होंने कभी शादी ना करने का फैसला ले लिया.
हिंदी में गूगल पर ममता बनर्जी बांग्लादेश के नाम से भी खूब सर्च हुए. लोग जानना चाहते थे कि उनका बांग्लादेश से क्या ताल्लुक है. तो यहां हम बता दें कि उनका बांग्लादेश से कोई सीधा लेना-देना नहीं है. उनका घर कोलकाता की हरीश चटर्जी स्ट्रीट पर है, जबकि उनका पैतृक आवास कोलकाता के ही कालीघाट में है. यानी वे पूरी तरह से पश्चिम बंगाल से ही हैं.
बहुत से लोगों को ममता की पढ़ाई-लिखाई के बारे में जानने की भी उत्सुकता रही. दक्षिण कोलकाता के जोगमाया देवी कॉलेज से ममता बनर्जी ने इतिहास में ऑनर्स की डिग्री हासिल की है. बाद में कलकत्ता विश्वविद्यालय से उन्होंने इस्लामिक इतिहास में मास्टर डिग्री ली. श्रीशिक्षायतन कॉलेज से उन्होंने बीएड की डिग्री ली, जबकि कोलकाता के जोगेश चंद्र चौधरी लॉ कॉलेज से उन्होंने कानून की पढ़ाई की.