राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला है और कहा है कि पीएम मोदी ने पूरे देश में अघोषित इमरजेंसी लगा दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी जी कालाधन के नाम पर हमारे और हम जैसे नेताओं कार्यकर्ताओं के घर छापेमारी करवाते हैं लेकिन अडानी जैसे-जैसे बड़े लोगों के यहां छापा क्यों नहीं डलवाते। लालू यादव चारा घोटाले से जुड़े एक मामले की सुनवाई के लिए रांची की अदालत में पेशी देने आए थे। यहां उन्होंने पत्रकारों से कहा कि देश में स्थिति भयावह है, मोदी सरकार ने अघोषित तरीके से 75 फीसदी आपातकाल लागू कर दिया है।
लालू यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फिर से राजनीति का पलटूराम करार दिया और कहा कि वो मोदी की गोद में जाकर बैठ गए। उन्होंने कहा कि नीतीश के बारे में हमने पहले ही कहा था कि वो ‘नमो शरणम गच्छामि’ है। यानी नरेंद्र मोदी की शरण में जाने वाले हैं। बता दें कि बिहार में महागठबंधन सरकार टूटने और बीजेपी के साथ मिलकर नीतीश कुमार के सरकार गठन के बाद से लालू यादव आक्रामक मोड में हैं। वो लगातार मीडिया के जरिए नीतीश कुमार और पीएम नरेंद्र मोदी पर राजनीतिक हमले कर रहे हैं।
एक दिन पहले ही समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने भी इस बात को माना कि सीएम बनाने के लिए नीतीश कुमार उनके सामने रोए थे। मुलायम ने साफ किया और साल 2015 की परिस्थितियों के बारे में बताया कि उस वक्त लालू यादव किसी भी कीमत पर नीतीश को सीएम नहीं बनाना चाहते थे लेकिन उनके कहने पर ही वो आखिरी समय में तैयार हो गए थे। इससे पहले लालू यादव भी कह चुके हैं कि उन्होंने मुलायम सिंह यादव के कहने पर ही नीतीश कुमार के साथ गठबंधन किया था और उन्हें सीएम बनाया था।
गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार के आरोप में उप मुख्यमंत्री और लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव का नाम आने पर लंबे सियासी ड्रामे के बाद 26 जुलाई को महागठबंधन तोड़ते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था और उसके अलगे ही दिन 27 जुलाई को बीजेपी के साथ मिलकर राज्य में एनडीए गठबंधन की सरकार बना ली। 28 जुलाई को विश्वास मत जीतने के बाद 29 जुलाई को नीतीश ने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। कहा जा रहा है कि उनके 29 सदस्यों वाले इस मंत्री परिषद में कुल 22 मंत्री दागी हैं।