मुंबई [ TNN ] मुंबई की अदालत ने अपनी पत्नी से परेशान एक व्यक्ति को तलाक की अनुमति दे दी है। पति ने आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी सेक्स के लिए कभी तृप्त न हो सकने वाली यौन इच्छा दिखाती है और बेहद गुस्सैल व तानाशाह किस्म की है।
मुंबई की एक पारिवारिक अदालत के मुख्य जज लक्ष्मी राव ने आदेश सुनाते हुए कहा, पत्नी के अदालत में पेश न होने पर, याचिकाकर्ता की गवाही को चुनौती नहीं दी गई। इसलिए इस अदालत के पास उसकी गवाही को स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है और वह अपने अनुरोध के मुताबिक तलाक का अधिकारी है।
पति ने जनवरी 2014 में दायर अपनी याचिका में अदालत को बताया था कि उसकी पत्नी अड़ियल, गुस्सैल, जिद्दी और मनमानी करने वाली है। उसने यह भी आरोप लगाया कि वह यौन व्यवहार के लिए अत्यधिक और कभी तृप्त न हो सकने वाली इच्छा जताती है और अप्रैल 2012 में विवाह के बाद से उसे लगातार परेशान कर रही है। इसके अलावा वह उसे दवाएं व शराब पीने के लिए भी विवश करती है।
पति ने आरोप लगाया था कि वह उसे अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के लिए भी विवश करती है और मना करने पर गालियां देती है। जिसके कारण उसे उसकी मांग के आगे झुकना पड़ता है । उसने अदालत को बताया था कि वह तीन शिफ्टों में काम करता है और बेहद थक जाता है। इसके बावजूद वह उसकी वासना की तृप्ति करने के लिए विवश था।
अदालत को बताया गया कि महिला उसे यह भी धमकी देती है कि यदि उसकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वह उसकी भावनाओं को नजरअंदाज करते हुए दूसरे पुरुष के पास चली जाएगी। याचिका में कहा गया कि दिसंबर 2012 में पति को पेट में दर्द की शिकायत होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था डॉक्टरों ने पति को कुछ समय के लिए शारीरिक संबंधों से दूर रहने के लिए कहा था लेकिन महिला अपनी यौन इच्छाएं जताती रही और पति की सेहत आराम के अभाव में गिरती चली गई।
याचिका में उसने यह भी कहा कि उसने अपनी पत्नी से किसी मनोचिकित्सक से सलाह लेने के लिए भी कहा लेकिन उसने इंकार कर दिया । याचिका में उसने कहा कि वह इन अत्याचारों को और नहीं सह सकता। इससे उसके जीवन को खतरा है। उसने कहा कि ‘यौनाचार के प्रति उसकी अत्यधिक भूख’ उसका पत्नी के साथ एक छत की नीचे रहना मुश्किल है। न्यायाधीश ने याचिका को स्वीकार करते हुए इस व्यक्ति का तलाक स्वीकार कर लिया।