कुलभूषण जाधव मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस बृहस्पतिवार को अपना फैसला सुनाएगा। फैसला दोपहर साढ़े तीन बजे सुनाया जाएगा। तीन दिन पहले इसने इस मामले में भारत और पाकिस्तान, दोनों पक्ष की दलीलें सुनी थीं।
सुनवाई के दौरान भारत ने कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की ओर से दी गई फांसी की सजा खत्म करने की मांग की थी। भारत ने आशंका जताई थी कि जाधव को सुनवाई खत्म होने से पहले ही फांसी दी जा सकती है। भारतीय नौसेना के पूर्व नेवी अफसर 46 वर्षीय जाधव को पाकिस्तान ने 3 मार्च को गिरफ्तार किया था।
पाकिस्तान ने उस पर जासूसी करने और तोड़फोड़ की कार्रवाई में शामिल होने का आरोप लगा कर उसे फांसी की सजा सुना दी थी। भारत ने इस पर कड़ी आपत्ति की थी और कहा था कि जाधव का अपहरण किया गया है।
फांसी की सजा रोकने से इनकार करने और जाधव तक राजनयिक पहुंच न देने पर भारत इस मामले को अंतरराष्ट्रीय अदालत में ले गया। आठ मई को मामला दाखिल करते हुए भारत ने जाधव मामले में पाकिस्तान पर वियेना समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया था।
भारत ने कहा था कि जाधव के खिलाफ पाकिस्तान के पास कोई सबूत नहीं है। उसे फर्जी आरोपों के आधार पर फांसी दी जा रही है। दूसरी ओर पाकिस्तान का कहना था कि जिस वियेना समझौते का भारत उल्लंघन का आरोप लगा रहा है उसके तहत आतंकी गतिविधियों में शामिल जासूस तक राजनयिक पहुंच देने का प्रावधान नहीं है।
उसने इस मामले को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान के खिलाफ राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। पिछली बार अंतरराष्ट्रीय अदालत में भारत पाकिस्तान का सामना 18 साल पहले हुआ था।
भारत की दलील और पाकिस्तान का तर्क
भारत की दलील
जाधव को फांसी की सजा देकर पाकिस्तान ने वियेना समझौते का उल्लंघन किया है। जाधव के खिलाफ कोई सुबूत नहीं है। उसे फर्जी आरोपों के आधार पर फांसी दी जा रही है।
पाकिस्तान का तर्क
जिस वियेना समझौते का भारत उल्लंघन का आरोप लगा रहा है उसके तहत आतंकी गतिविधियों में शामिल जासूस तक राजनयिक पहुंच देने का प्रावधान नहीं है।
क्या है आरोप
जाधव पर पाकिस्तान ने जासूसी करने और तोड़फोड़ की गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है।
@एजेंसी