नई दिल्ली- दिल्ली पुलिस ने मानवीयता दिखाते हुए पीसीआर वैन में बच्ची का जन्म कराया। शांतिवन में शुक्रवार को काम कर रही एक महिला को अचानक प्रसव पीड़ा हुई। पति ने पीसीआर वैन में तैनात पुलिसकर्मियों से मदद मांगी। पुलिसकर्मी वैन से महिला को अस्पताल के लिए चल पड़े। इस दौरान महिला ने वैन में ही बच्ची को जन्म दिया। इसके बाद जच्चा-बच्चा दोनों को कस्तूरबा गांधी अस्पताल पहुंचाया गया।
डॉक्टरों के मुताबिक बच्ची व उसकी मां दोनों की हालत ठीक है। इस सराहनीय कार्य की जानकारी मिलने पर पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी ने पीसीआर में तैनात सिपाही सुनील व दीपक को पुलिस मुख्यालय में बुलाकर शाबाशी दी। पुलिस के मुताबिक 28 वर्षीय रेखा उत्तर प्रदेश के सीतापुर की रहने वाली हैं। उनके पिता का नाम अजय कुमार है।
रेखा के पहले से तीन बच्चे हैं। वह शांति वन में सफाई का काम करती हैं और मध्य जिले में परिवार के साथ रहती हैं। शुक्रवार को रेखा शांतिवन में झाड़ लगा रही थी। संयोग से पति भी शांतिवन में ही था। करीब तीन बजे रेखा को प्रसव पीड़ा हुई। वह तेज दर्द से कराहने लगी। पत्नी को कराहता देख पति अजय घबरा गए। ऑटो के लिए वह शांतिवन से बाहर निकले।
सड़क पर आते ही उन्हें पीसीआर दिखी। उन्होंने रोकने के लिए आवाज लगाई। इस पर दीपक ने गाड़ी रोक दी। अजय की गुहार सुनकर सुनील व दीपक मदद करने को तुरंत तैयार हो गए। दोनों पीसीआर लेकर शांतिवन के गेट पर आ गए। रेखा को स्टेचर पर लिटाया और वैन में रखा। उन्होंने शांतिवन में मौजूद तीन अन्य महिलाओं को भी वैन में बैठा लिया। इसके बाद कस्तूरबा गांधी अस्पताल के लिए चल पड़े। रास्ते में ही रेखा ने बच्ची को जन्म दे दिया। बच्ची की किलकारी सुन पुलिसकर्मियों ने अजय को बधाई दी।
पुलिस कंट्रोल रूम (पीसीआर) दिल्ली वासियों के लिए लाइफ लाइन से कम नहीं है। सर्दी, गर्मी या फिर बरसात, दिन हो या रात पीसीआर को जब भी कॉल मिलती है तुरंत मौके पर पहुंचकर घायलों को अस्पताल पहुंचाती है। वर्ष 2013 में पीसीआर ने 30,130 घायलों को नजदीक के अस्पतालों में पहुंचाकर उनकी जान बचाई।
पिछले वर्ष 58,881 घायलों को नजदीक के अस्पतालों में पहुंचाया। अन्य शहरों में घायलों को अस्पताल पहुंचाने का काम वहीं की सरकारी एंबुलेंस करती है। दिल्ली सरकार के पास एंबुलेंस की बेहतर व्यवस्था नहीं होने से दिल्ली पुलिस की पीसीआर वैन निष्काम भाव से जिम्मेदारी निभा रही है। दिल्ली पुलिस के पास पहले 620 पीसीआर वैन थीं, लेकिन पिछले साल गृहमंत्रालय ने 370 और मुहैया करा दीं। एजेंसी