रजिया ने लॉकडाउन में बाहर निकलने के लिए पुलिस से इजाजत ली थी। नेल्लोर पहुंचने तक उन्हें रास्ते में कई जगहों पर रुकना पड़ा क्योंकि हर चौराहे, नुक्कड पर पुलिस खड़ी हुई थी।
देशभर में 21 दिनों का लॉकाडाउन जारी है। 14 अप्रैल को इसके खुलने की संभवाना कम दिखाई देती है। इसी के चलते तेलंगाना के निजामाबाद की रहने वाली एक महिला शिक्षिका राज्य में लागू सख्त लॉकडाउन के बीच अपने एक साहसपूर्ण काम की वजह से सुर्ख़ियों में हैं।
बता दें कि निजामाबाद के बोधान में एक स्कूल में पढ़ाने वाली रजिया बेगम लॉकडाउन की वजह से आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में फंसे अपने बेटे को घर वापस लाने के लिए अपनी स्कूटी से ही निकल पड़ीं।
लगभग 1,400 किमी की दूरी स्कूटी से तय कर वह अपने बेटे को घर वापस लाने में कामयाब रहीं।
जानकारी के लिए बता दें कि रजिया ने लॉकडाउन में बाहर निकलने के लिए पुलिस से इजाजत ली थी। नेल्लोर पहुंचने तक उन्हें रास्ते में कई जगहों पर रुकना पड़ा क्योंकि हर चौराहे, नुक्कड पर पुलिस खड़ी हुई थी।
इस दौरान उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को समझाते हुए नेल्लोर तक की यात्रा तय की और बेटे को वापस ले आई। उन्होंने कहा कि इस समय ये करना बिल्कुल आसान नहीं था।
आपको बता दें कि रजिया का बेटा निजामुद्दीन हैदराबाद में एक कोचिंग संस्थान में पढता है। वह इंटरमीडिएट का छात्र है।
बीते महीने निजामुद्दीन नेल्लोर के रहने वाले एक मित्र के साथ अपने घर बोधान आया था। इस दौरान निजामुद्दीन को खबर मिली कि उसके पिता की सेहत सही नहीं है। तो वह अपने दोस्त को लेकर नेल्लोर चला गया।
इसी बीच कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन लागू हो जाने के बाद वह घर वापस नहीं लौट सका। बेटे की वापसी की कोई राह न पाकर रजिया ने बोधान के ACP से संपर्क किया और उन्हें सारी बात बताई। और स्कूटी लेकर निकल पड़ी बेटे को लेने।