नई दिल्ली : नाबालिग लड़कियों और महिलाओं को बंधक बनाकर रखने के आरोप झेल रहे आध्यात्मिक विश्वविद्यालय आश्रम पर मंगलवार को छापेमारी की गई और कई लड़कियों को सुरक्षित निकाला गया।
राजधानी के रोहिणी इलाके में चल रहे आध्यात्मिक विश्वविद्यालय आश्रम पर दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर गठित स्पेशल टीम ने छापा मारा। इस छापेमारी के जरिए स्पेशल टीम ने कई लड़कियों को आश्रम से सुरक्षित निकाला और आश्रम से जुड़े दो लोगों को हिरासत में लिया। छापेमारी के दौरान दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल भी मौजूद थीं।
हाई कोर्ट ने पुलिस को नॉर्थ दिल्ली स्थित एक आध्यात्मिक संस्थान की तुरंत जांच करने का आदेश दिया था। संस्थान पर एक एनजीओ ने लड़कियों और महिलाओं को उसी ढंग से बंधक बनाकर रखने का आरोप लगाया था, जैसे हालात हरियाणा में गुरमीत राम रहीम के आश्रम में देखने को मिले थे।
ऐक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी. हरिशंकर की बेंच ने कहा था कि यह बहुत ही खतरनाक बात है कि महिलाओं और लड़कियों को भगवान के उपदेश देने के नाम पर अवैध रूप से बंधक बनाकर रखा जा रहा है।
डेरा सच्चा सौदा का सीधे तौर पर नाम लिए बिना बेंच ने कहा कि ऐसी ही गतिविधियां सिरसा के एक आश्रम में चल रही थीं, जिसके प्रमुख को हाल में दो महिला शिष्यों के रेप के जुर्म में 20 साल की सजा सुनाई गई है। सिरसा के विवादितत आश्रम में भी लड़कियों और महिलाओं को अवैध रूप से बंधक बनाकर रखा गया था।
बेंच ने डीसीपी को रोहिणी स्थित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय की जांच डीसीपी रैंक के किसी अधिकारी से कराने के लिए कहा।
मंगलवार को जांच कराने का आदेश देते हुए बेंच ने निर्देश दिया कि पूरी प्रक्रिया की विडियॉग्रफी हो और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद पुलिस के साथ रहें। जिन तीन लड़कियों के मुद्दे को हाई कोर्ट के सामने उठाया गया है, उन्हें पुलिस को कोर्ट के सामने पेश करना है।