खंडवा : नोटबंदी के बाद नोटों को बदलने पूरा देश कतार में लगा रहा लेकिन अब भी कही न कही से पुराने नोटों की सूचनाएं मिलते रहती हैं। ऐसा ही एक मामला खंडवा में सामने आया। किल्लोद ग्राम का एक किसान अपनी बहन के साथ अपने पुराने नोट बदलने की गुहार लेकर जिला कलेक्टर में चल रही जनसुनवाई में पंहुचा।
जैसे ही पुराने नोटों को बदलने की बात कही सभी हैरान रह गए। पूछने पर उसने बताया की यह नोट उसने अनाज की कोठी में भविष्य के लिए छिपा कर रखे थे।
किल्लोद की रुक्मणि अपने भाई शेर सिंह के साथ 500 रुपए के पुराने सोलह नोट लेकर कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुचीं। रुक्मणि का भाई शेर सिंह ने बताया की रुक्मणि ने यह नोट अपनी भविष्य के लिए गेहूं की कोठी में छिपा कर रखे थे, लेकिन भूल गई। जब गेहूं ख़त्म हुए तो, यह नोट सामने आए। लेकिन तब तक बहुत देर हो गई।
जानकारी जुटाने के बाद नोट बदलने के लिए रुक्मणि भोपाल रिजर्व बैंक भी गई। लेकिन वहां भी उस के इन पुराने नोटों को बदला नहीं गया । महिला अपने भाई के साथ इस उम्मीद में कलेक्टर की जान सुनवाई में पहुची थी कि उसके नोटों को बदलने का कोई रास्ता निकल जाएगा। पर यहाँ बैठे बैंक अधिकारियों ने भी उसे नागपुर रिजर्व बैंक का रास्ता बता दिया।
इस बारे में बैंक अधिकारियों का कहना हैं की नोट बदलने की समय सिमा अब समाप्त हो गई हैं पर ऐसे मामलों में नागपुर की रिजर्व बैंक की ब्रांच ही इन नोटों को बदलने का रास्ता और जरुरी प्रक्रिया बता सकती है।